Nav Bihan
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नशा मुक्ति को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने किया रन फॉर मैराथन का आयोजन, काफी संख्या में युवा हुए शामिल

रन फॉर मैराथन का उद्देश्य युवाओं एवं आम नागरिकों को मादक पदार्थों के दुष्परिणामों से अवगत कराना: उपायुक्त

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गिरिडीह। जिले में मादक पदार्थों के विरोध में जिला प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। विभिन्न माध्यमों से लोगों को नशा मुक्ति को लेकर जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को उपायुक्त रामनिवास यादव, पुलिस अधीक्षक डॉ विमल कुमार, पूर्वी वन प्रमंडल पदाधिकारी मनिश तिवारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अजंना भारती, जिला खेल पदाधिकारी अर्जुन बाग्ला के द्वारा हरी झंडी दिखाकर रन फॉर मैराथन की शुरुआत की गई। जिसमें काफी संख्या में लोग शमिल हुए और नशा मुक्ति के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए गिरिडीह स्टेडियम से महेशलुंडी व फिर महेशलुंडी से वापस स्टेडियम तक दौड़ लगाया। इस दौरान मैराथन के विजेता प्रतिभागियों को जिला प्रशासन की ओर से मेडल, ट्रॉफी और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त श्री यादव ने कहा कि गिरिडीह जिले को नशामुक्त बनाने को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है। इसी उद्देश्य से आज यह मैराथन दौड़ आयोजन किया गया है ताकि इस अभियान के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जा सकें और लोगों को नशे की चपेट में आने से बचाया जा सके। इस दौरान उपायुक्त ने नशा से होने वाले दुष्परिणाम की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि नशा से सिर्फ एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि उसका पूरा परिवार प्रभावित होता हैं। समाज में फैल रहे नशे को हमसभी को मिलकर रोकना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी को नशा के सेवन से दूर किया जा सकें।

वहीं एसपी डॉ बिमल कुमार ने मैराथन में भाग लेने वाले युवाओं के इस उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि खेलों के माध्यम से युवाओं को सकारात्मक दिशा में जोड़ना नशे से दूर रखने का एक सशक्त जरिया है। मादक पदार्थों के रोकथाम हेतु जनभागीदारी की आवश्यकता है। इसके साथ ही वर्तमान में सबसे जरूरी है जागरूकता। जागरूकता एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए आमजनों को नशा छोड़ने के उपाय, इससे दूर रहने से संबंधित सलाह दी जा सकती है। कहा कि वर्तमान समय में युवा सबसे ज्यादा नशा में चपेट में आ रहे है, जिससे उन्हें बचने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रशासनिक अधिकारियों के अलावे स्पोर्टस से जुड़े नेरूल होंदा, रोहित श्रीवास्तव सहित अन्य लोगों का सराहनीय योगदान रहा।

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