फरार नक्सली सोनाराम हेम्ब्रम को गिरिडीह पुलिस ने दबोचा
गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए डुमरी एसडीपीओ ने किया गिरफ्तार दो हार्डकोर नक्सली के इशारे पर ठेकेदारों से वसूलता था लेवी
गिरिडीह। चार साल से फरार हार्डकोर माओवादी सोनाराम हेम्ब्रम को निमियाघाट थाना पुलिस दबोचने में सफल रही। गुप्त सूचना के आधार पर डुमरी एसडीपीओ सुमित प्रसाद के नेत्तृव में निमियाघाट थाना पुलिस ने 50 वर्षीय हार्डकोर माओवादी सोनाराम हेम्ब्रम को थाना क्षेत्र के बंदखारो गांव के समीप उस वक्त दबोचने में सफल रही जब वह अपने परिवार से मिलने पहुंचा था। सोनाराम हेम्ब्रम के घर पहुंचने की गुप्त सूचना के बाद एसडीपीओ और निमियाघाट पुलिस ने रणनीति बनाई और सबसे पहले इसके घर की घेराबंदी करते हुए सोनाराम को गिरफ्तार कर लिया।
नक्सली सोनाराम हेम्ब्रम साल 2020 में डुमरी थाना क्षेत्र के कल्हावार गांव में निर्माणाधीन डिग्री कॉलेज से ठेकेदार द्वारा लेवी नहीं मिलने पर इनामी माओवादी रामदयाल महतो के दस्ते के साथ मिलकर जेसीबी और मिक्सचर मशीन को आग लगाने सहित कई नक्सली वारदात को अंजाम दिया। इसके खिलाफ निमियाघाट थाना में तीन नक्सली केस दर्ज है और पिछले चार साल से यह फरार चल रहा था।
पुलिस सूत्रों की मानें तो पिछले चार सालों से सोनाराम हेम्ब्रम फरार रहते हुए पीरटांड और डुमरी के इलाके में पुलिस के खिलाफ सारे इनपुट जुगाड़ कर रामदयाल महतो ओर उसके दस्ते तक पहुंचाया करता था। पूछताछ में सोनाराम हेम्ब्रम ने पुलिस को बताया कि नक्सली संगठन के दो हार्डकोर और इनामी माओवादी रामदयाल महतो और पवन लंगड़ा के दस्ते में वह महत्पूर्ण भूमिका अदा करता था। क्योंकि इन दोनों के इशारे पर ही डुमरी, पीरटांड के इलाके में संचालित विकास योजनाओं में लाखों रुपए की लेवी वसूलने का काम किया करता था। इतना ही नही मधुबन थाना क्षेत्र के सीता नाला और पारसनाथ पहाड़ के तलहटी में रामदयाल महतो और पवन लंगड़ा के दस्ते को उनके ठिकानों तक पहुंचाने का जरिया भी सोनाराम हेम्ब्रम बना करता था।
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