35 साल पुराने हत्याकांड मामले में एडीजे वन की कोर्ट ने अभियुक्त को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
20 हजार का लगाया जुर्माना, नही देने पर एक साल कारावास की अतिरिक्त सजा, गांवा के डाबर गांव में जमीन विवाद के कारण आरोपियों ने हृदय नारायण की गला रेतकर कर दी थी हत्या


गिरिडीह : 35 साल पुराने हत्याकांड मामले में मंगलवार को गिरिडीह के एडीजे वन गोपाल पांडेय के कोर्ट ने एक आरोपी सुंदर महतो को अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है। एडीजे वन के कोर्ट ने गिरिडीह के गांवा थाना इलाके के डाबर गांव निवासी हृदय नारायण सिंह हत्याकांड मामले में सुंदर महतो को धारा 302/149 में आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 20 हजार का जुर्माना लगाया है। जबकि 201 में 3 साल की सजा सुनाने के साथ 10 हजार का जुर्माना लगाया और 449 में 10 साल की सजा सुनाने के साथ ही 10 हजार का जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर एक साल का अतिरिक्त सजा आरोपी को काटना होगा। 35 साल पुराने हत्याकांड के इस फैसले पर एडीजे वन के कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी भी की है।
बताया जाता है कि जिले के गांवा के डाबर गांव में 35 साल पहले जमीन विवाद में गांव के ही हृदय नारायण सिंह की हत्या सुंदर महतो, छोटन पासी, साधु पासी, सहदेव महतो, कांग्रेस महतो समेत अन्य आरोपियों ने साजिश कर 13 जुलाई 1989 को किया था। सभी आरोपियों ने गांव के एक कमरे में बंद करने के साथ ही हथियार का भय हृदय नारायण की गला दबाकर हत्या कर दिया था। मृतक की हत्या के बाद उसके पिता जोबराज सिंह ने 35 साल पहले गांवा थाना में केस दर्ज कराया। वहीं हत्याकांड के बाद सारे आरोपी फरार हो गए थे। लेकिन पुलिस भी आरोपियों को दबोचने में जुटी हुई थी। हत्याकांड के बाद पुलिस ने कुछ आरोपियों को पकड़ा। जबकि कुछ ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।
जानकारी के अनुसार गांवा थाना पुलिस द्वारा इस हत्याकांड मामले में अंतिम चार्जशीट आठ माह पहले कोर्ट में सोंपी गई थी। इसके बाद एडीजे वन गोपाल पांडेय के कोर्ट ने कुछ आरोपियों को कुछ माह पहले ही सजा सुनाई थी। जबकि मंगलवार को हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त सुंदर महतो को सजा सुनाया है। इस केस में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता दिगंबर मोहन सिन्हा ने बहस किया। जबकि अभियोजन की ओर से सरकारी वकील धनंजय दास बहस कर रहे थे।

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