हूल दिवस पर भोगनाडीह में आदिवासियों पर हुए लाठी चार्ज की घटना की बाबूलाल मरांडी की निंदा
कहा इस तरह की बर्बरतापूर्ण घटना अंग्रेज़ी हुकूमत का प्रतिक, हेमंत सरकार के पतन का बनेगा कारण


गिरिडीह। हूल क्रांति की पुण्यभूमि भोगनाडीह में सोमवार को हूल दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज और आंसू गैस के प्रयोग की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रतिपक्ष के नेता सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। मंगलवार को उन्होंने अपने आवासीय कार्यालय में बातचीत के दौरान कहा कि यह घटना लोकतंत्र के मूल्यों पर गहरा आघात है। इस अमानवीय कार्रवाई में कई ग्रामीणों के घायल होने की खबरें आई हैं। कहा कि उन्होंने स्वयं साहेबगंज के पुलिस अधीक्षक से बात कर मामले की पूरी जानकारी ली है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की बर्बरतापूर्ण घटना एक बार फिर मानो अंग्रेज़ी हुकूमत के दौर की यादें ताज़ा कर देती है। हूल क्रांति के लगभग डेढ़ सौ वर्षों बाद, एक बार फिर सिद्धो-कान्हू की संतानें अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध आवाज़ उठाने को विवश हुई हैं। कहा कि दुर्भाग्यवश, वर्तमान राज्य सरकार घुसपैठियों के हितों की रक्षा में इस कदर लिप्त है कि वह नहीं चाहती कि झारखंड का आदिवासी समाज अपने इतिहास, संस्कृति और बलिदानों से प्रेरणा लेकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित हो।

कहा कि इस तरह की दमनकारी नीति को किसी भी हालत में सफल नहीं होने दिया जायेगा। जिस तरह सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी थी, उसी प्रकार यह क्रूर लाठीचार्ज हेमंत सरकार के पतन का प्रतीक बनेगा।

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