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सृजन देवता श्री विश्वकर्मा

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उमेश यादव, शांतिकुंज, हरिद्वार

 

शिल्प के ज्ञाता, विश्व निर्माता, रूपकर्ता महान हैं।

सृजन देवता श्री विश्वकर्मा, साक्षात भगवान हैं॥

 

ब्रह्मापुत्र धर्म के आत्मज, वास्तुदेव के जाए हैं।

अन्वेषक हैं शिल्पशास्त्र के,आदिपुरुष कहलाये हैं॥

आदि-अभियंता से ब्रह्मांड का,हुआ सदा कल्याण है।

सृजन देवता श्री विश्वकर्मा, साक्षात भगवान हैं॥

 

स्वर्णलंका व स्वर्गलोक का, अद्भुत सृजन कराया था।

इंद्रप्रस्थ द्वारिका बनाकर, वास्तुशिल्प दिखलाया था।।

इन्द्र यम वरुण कुबेर पुरी का, किया भव्य निर्माण है।

सृजन देवता श्री विश्वकर्मा, साक्षात भगवान हैं॥

 

चक्र सुदर्शन, वज्र इन्द्र का, पुष्पक-यान निर्माण किए।

अखिल विश्व के अभ्युदय को,अति नूतन अभिदान दिए।।

अस्त्र शस्त्र त्रिशूल कर्ण-कुंडल, पुरातन विज्ञान है।

सृजन देवता श्री विश्वकर्मा, साक्षात भगवान हैं॥

 

यंत्रों के भगवान प्रजापति, दैन्य जगत से हर लेना।

श्रमशीलों और कामगरों का,सुखमय जीवन कर देना॥

तकनीकों के जनक सुधन्वा, दिया जगत को ज्ञान है।

सृजन देवता श्री विश्वकर्मा, साक्षात भगवान हैं॥

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