विधायक जी के ख़ास से जयराम की मुलाक़ात, अटकलों का बाज़ार गर्म
झामुमो के कद्दावर अल्पसंख्यक नेता से मिलने पहुंचे जयराम महतो, सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल


गिरिडीह : कहते हैं तस्वीरें बोलती हैं. ये बात सच है कि कई दफा तस्वीरें बहुत कुछ बोलती हैं और ये तब और अधिक बोलती हैं, ज़ब बात राजनीति की हो. इस ख़बर के साथ जो तस्वीर है, वो ना सिर्फ बोल रही है बल्कि इसके कई मायने भी हैं.
चलिए, पहेलियाँ ना बुझाते हुए आपको पहले इस तस्वीर के बारे में बताते हैं. इस तस्वीर में जो दो शख्स आपको दिख रहे हैं, उनमें से एक तो झारखण्ड के युवा, फायर ब्रांड नेता जयराम महतो हैं, और दूसरे शख्स का नाम है सईद अख्तर, जो झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के गिरिडीह के कद्दावर नेता हैं, एक सफल व्यवसाई हैं और सामाजिक सरोकार वाले व्यक्ति हैं. इन सबसे बढ़ कर, सईद अख्तर की गिनती गिरिडीह के उन कुछ खास लोगों में भी होती है, जो यहाँ के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के खासम – ख़ास हैं. अब विधायक महोदय के ख़ास व्यक्ति की मुलाक़ात उनके मुखर, धुर विरोधी जयराम महतो के साथ होने की ख़बरों ने चर्चाओं का बाज़ार गर्म कर दिया है.
दरअसल इस मुलाक़ात से गिरिडीह की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। बीते दिनों किसी काम से गिरिडीह आए जेबीकेएसएस सुप्रीमो जयराम महतो सईद अख्तर से मिलने अचानक उनके आवास पर पहुँच गए. अब ये मुलाक़ात अचानक थी या पहले से निर्धारित, ये तो हम नहीं जानते, पर यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि सईद अख्तर, जो झामुमो के जिला उप सचिव हैं, उन्होंने हालिया दिनों में स्वतंत्र रूप से कई राजनैतिक कदम उठाये हैं. ख़ास तौर पर अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों को कई बार सरकार के सामने उठाया है।
सईद अख्तर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री हफीजुल हसन और अल्पसंख्यक आयोग को मुसलमानों, सिखों, और जैनियों की समस्याओं से अवगत कराया है, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है। हाल ही में गिरिडीह आए झारखण्ड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्ला खान से मिलकर उन्होंने इस आशय का ज्ञापन भी सौंपा, पर इस पर कोई सकारात्मक पहल नहीं होने से वे नाराज़ बताये जा रहे हैं. इतना ही नहीं, अंदरखाने ये ख़बरें भी हैं कि गिरिडीह विधायक से भी उनके सम्बन्ध अब पहले जैसे मधुर नहीं रहे. ऐसे में विधान सभा चुनाव से पूर्व जयराम महतो से उनकी मुलाकात को कई लोग संभावित राजनीतिक बदलाव के संकेत के रूप में देख रहे हैं। जयराम महतो, जो अपनी सियासी रणनीति और चालों के लिए मशहूर हैं, शायद झामुमो में सेंधमारी करने की योजना बना रहे हैं।
हालाँकि अभी ये सभी बातें सिर्फ अटकलें हैं, पर ये अटकलें यदि सच साबित होती हैं, तो गिरिडीह की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है, और आसन्न विधान सभा चुनाव में झामुमो के लिए इसके दूरगामी प्रभाव भी हो सकते हैं।

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