Nav Bihan
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कहीं आपको भी तो नहीं पुरानी बेकार चीजों को संजो कर रखने की बीमारी

यदि हाँ तो आपको इस आलेख को ज़रूर पढ़ना चाहिए, आखिर क्या है ये बीमारी और इससे कैसे पाएं निजात

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राँची : ये पुराना बैग नहीं फेंकना, वक़्त पर काम आयेगा. कई लोगों के लिए घर की पुरानी, बेकार पड़ी चीजों को फेंकना या निकालना बड़ा मुश्किल काम होता है. इसमें चाहे पुराने कपड़े, बर्तन हों या घर का कोई टूटा हुआ फर्नीचर. ये लोग इन चीजों  को भले ही घर के कोने में कहीं रख दें लेकिन इन्हें निकाल पाने की हिम्मत नहीं कर पाते. इसके साथ ही इन्हें बेजरूरत चीजों को रखने में भी दिलचस्पी होती है. नतीजा ये होता है कि ऐसे लोगों का घर गैर ज़रूरी, फालतू की छेजों का कबाडखाना बन जाता है. इस तरह के लोग हमारे, आपके किसी के भी घर में पाए जा सकते हैं. एक स्टडी के अनुसार दरअसल ऐसे लोग एक प्रकार के डिसऑर्डर से पीड़ित होते हैं, जिसे नाम दिया गया है “होर्डिंग डिसऑर्डर”. आइए आज आपको इस आलेख के माध्यम से विस्तार से इस डिसऑर्डर के बारे में बताते हैं.

आखिर क्या है होर्डिंग डिसऑर्डर

कहीं आपको भी तो नहीं पुरानी बेकार चीजों को संजो कर रखने की बीमारी
कहीं आपको भी तो नहीं पुरानी बेकार चीजों को संजो कर रखने की बीमारी

 

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, होर्डिंग डिसऑर्डर यानी संग्रहण विकार उस स्थिति को कहते हैं, जब कोई व्यक्ति ऐसी वस्तुओं को त्यागने में परेशानी महसूस करता है, जो उपयोगी नहीं हैं. इसके चलते व्यक्ति घर पर रखी किसी भी पुरानी चीज़ को फेंकना नहीं चाहता है. इसका असर धीरे-धीरे व्यक्ति की मेंटल हेल्थ पर भी दिखाई देने लगता है. होर्डिंग डिसऑर्डर असामान्य नहीं है. लगभग 2 से 6 प्रतिशत लोग इससे पीड़ित हैं. 20 में से 1 शख्स को होर्डिंग डिसऑर्डर हो सकता है. इसमें उम्र का भी एक अहम रोल है. 55 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में युवाओं की तुलना में इसके विकसित होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है. हालांकि 20 साल की उम्र से इसकी शुरुआत होने लगती है लेकिन ये डिसऑर्डर 30 साल या इसके बाद अधिक गंभीर होने लगता  है.

आखिर क्या हैं होर्डिंग डिसऑर्डर के लक्षण

होर्डिंग डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति जरूरत और बिना जरूरत, दोनों प्रकार की चीजों को छोड़ने में परेशानी महसूस करता है. ऐसे लोगों के घरों में या कार्यालयों में भी बेकार की वस्तुएं भरी रहती हैं. “किसी दिन” इन जरूरत पड़ सकती है, ऐसा सोच कर ये फालतू और बेकार सामानों को संजोते रहते हैं. कभी – कभी कुछ चीजों के साथ भावनात्मक लगाव का हवाला देते हुए ये उन्हें संजोये रहते हैं.

होर्डिंग डिसऑर्डर का इलाज

होर्डिंग डिसऑर्डर की पहचान और इलाज संभव है. हालाँकि, होर्डिंग डिसऑर्डर वाले व्यक्ति को स्थिति को पहचानने के लिए राजी करना मुश्किल हो सकता है. प्रियजन या बाहरी लोग इसके संकेतों और लक्षणों को पहचान सकते हैं. होर्डिंग डिसऑर्डर के इलाज के दौरान व्यक्ति विशेष पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए,  न कि केवल उन स्थानों पर जो अव्यवस्था से भर गए हैं

Cognitive Behavioral Therapy (CBT): CBT इसके इलाज का सबसे सफल तरीका हो सकता है. इसे पेशेवर चिकित्सक द्वारा किया जाना चाहिए. ये थेरेपी इस बात पर ध्यान देती है कि किसी भी वस्तु को त्यागने में कठिनाई क्यों हो सकती है और वे एक स्थान में अधिक वस्तुओं को लाने की इच्छा क्यों रखते हैं. चिकित्सक इन बातों का अध्ययन कर फिर उसी तरीके से थेरेपी प्लान करते हैं, जिसमें अलग – अलग लोगों के लिए भिन्नता होती है.

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