Nav Bihan
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उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की बैठक, दिए आवश्यक निर्देश

अवैध खनन रोकने की दिशा में कड़ा रूख अख्तियार करें अधिकारी: उपायुक्त

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गिरिडीह। उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी रामनिवास यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक हुई। इस दौरान उपायुक्त ने अवैध पत्थर उत्खनन, अवैध बालू/कोयला/अभ्रक उत्खनन के रोकथाम के लिए पूर्व के बैठक में लिए गए निर्णय के अनुपालन की बिन्दुवार समीक्षा की। साथ ही सीसीएल के पट्टा क्षेत्र, वन क्षेत्रों हो रहे मायका अभ्रक के अवैध उत्खनन व अन्य क्षेत्रों में कोयलें के अवैध उत्खनन व प्रेषण की रोकथाम व अन्य पर विचार विमर्श किया। बैठक में बालू घाटों के संचालन एवं बालू के अवैध भंडारण उठाव एवं परिवहन के संबंध में समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।

उपायुक्त ने संबंधित सभी अधिकारियों को अवैध खनन, परिवहन, भंडारण करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अवैध खनन करने वाले पर प्राथमिकी दर्ज करें तथा वन क्षेत्र में भी खनन करने वाले लोगों पर भी प्राथमिकी दर्ज कर उचित करवाई करें। साथ ही अवैध रूप से खनिज लदे वाहनों की भी जांच करने का निर्देश दिये। उपायुक्त ने कहा कि अवैध उत्खनन रोकने की दिशा में प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी समन्वय बनाकर संबंधित विभाग कड़ा रूख अख्तियार करें।

बैठक के दौरान जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में एनजीटी के न्यायाधिकरण के आदेश के आलोक में 10 जून से 15 अक्टूबर तक बालू उठाव पूर्णतः प्रतिबंधित है। प्रतिबंधित अवधि में 31 जुलाई तक बालू खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण की रोकथाम के क्रम में कुल 16 वाहनों पर कारवाई की गई है। जिसमें अवैध बालू परिवहन में संलिप्त वाहनों के विरुद्ध विभिन्न थाना अंतर्गत कुल 10 प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। साथ ही माह जुलाई 2025 में अवैध पत्थर/बालू/कोयला/माईका खनन/परिवहन में संलिप्त वाहनों की संख्या 18 तथा इसके विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी की संख्या 14 है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जिले में संचालित सभी क्रशर/अनुज्ञप्ति धारकों को अपने-अपने क्रशर/भंडारण स्थल पर कम से कम 50 वृक्षारोपण करने का निर्देश दिया गया है।

बैठक में पुलिस अधीक्षक डॉ विमल कुमार, पूर्वी वन प्रमंडल पदाधिकारी, पश्चिमी वन प्रमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, गिरिडीह जिला, जिला परिवहन पदाधिकारी, आरओ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिले के सभी अंचलाधिकारी, फैक्टरी इंस्पेक्टर समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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