Nav Bihan
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हाल खटौर पंचायत के जेवडा़ गांव का: प्रसुति को खाट पर लादकर पैदल पहुंचाया अस्पताल

पीसीसी सड़क सहित कई मूलभुत सुविधाओं से वंचित है खटौर पंचायत के ग्रामीण

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गिरिडीह। झारखंड के कई ऐसे गांव है जहां आज भी पक्की सड़क नहीं है, जिसमें गिरिडीह जिले के भी कई गांव शामिल है। सड़क नही रहने के कारण ग्रामीणों को काफी फजिहत उठानी पड़ती है। कुछ ऐसा ही एक मामला जिले के देवरी प्रखंड के खटौरी पंचायत के जेवडा गांव में देखने को मिला है। जहां नरेश सोरेन की पत्नी सल्गी सोरेन की जब प्रसव पीड़ा होने लगी तो घर वाले खाट पर लादकर पैदल ही मुख्य मार्ग तक पहुंचे इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया।

गांव के लोगों का कहना ही इस गांव में पक्की सड़क नहीं है बरसात के मौसम में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। बताया कि खटौरी पंचायत एक अनुसूचित जनजाति आबादी वाला पंचायत है और यहां अनुसूचित जनजाति आरक्षण से पंचायत में मुखिया बने हैं लेकिन 15 सालों में पीसीसी सड़क तक नहीं बना। कहा कि इस बार 15वीं वित्त आयोग से पीसीसी बनने को लेकर लाभुक समिति द्वारा चेक स्लिप तैयार करके सड़क बनाने को तैयार था, लेकिन खटौरी के पंचायत सचिव ने जंगल में सड़क नहीं बनने की बात कहकर टाल दिया।

विदित हो कि खटौरी पंचायत अत्यंत पिछड़ा आदिवासी गांव है। सरकार की प्रधान सचिव वंदना डादेल गिरिडीह जिला की उपायुक्त रहते हुए इस गांव का भ्रमण की थी। वहीं पूर्व विधायक केदार हाजरा भी गांव का भ्रमण कर चुके हैं, लेकिन अब तक गांव वाले पीसीसी सड़क जैसी कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।

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