मधुबन में दलित बस्ती को उजाड़ने का वन विभाग ने दिया नोटिस, माले ने बैठक कर किया विरोध
मधुबन और पीरटांड़ में दलित व गरीब लोगों को किया जा रहा है परेशान: माले


गिरिडीह। मधुबन के कोरिया बस्ती में लगभग दो दर्जन दलित बस्ती को वन विभाग ने नोटिस दिया है कि घर खाली कर के कही चल जाय, जबकि उस जगह पर कई पीढ़ी से परिवार के लोग रह रहे है। सोमवार को माले के वरिष्ठ नेता पूरन महतो की अगुवाई में मधुबन के दलित बस्ती में बैठक हुई। जिसमें वन विभाग के नोटिस का विरोध किया गया। साथ ही बैठक में दलित बस्ती में रहने वाले लोगों को रही परेशानियों को लेकर चर्चा की गई। बैठक के दौरान माले नेता पूरन महतो कहा कि मंत्री लोकल है उनके विधानसभा में दलित लोगों पर अत्याचार हो रहा है, भाकपा माले मंत्री के पास जा कर आवेदन देगा। बावजूद इसके लोगों की समस्याओं का निराकरण नही हुआ था, तो आंदोलन को आगे बढ़ाया जायेगा।


बैठक में उपस्थित माले नेता जिला कमिटी के सदस्य अजीत राय, माले नेता सह असंगठित मजदूर मोर्चा के केंद्रीय सचिव कन्हाई पांडेय, प्रखंड सचिव मसूदन कोल, किशोर राय, पवन यादव, भीम कोल ने कहा कि चुनाव के समय राज्य सरकार को वोट देने वाले वोटर के साथ घोर अन्याय हो रहा है, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नही है। कहा कि बड़े बड़े बिल्डिंग प्रशासन को नहीं दिखता है, भू माफिया के साथ लोकल प्रतिनिधि बड़े-बड़े नेताओं के साथ बड़े-बड़े बिल्डिंग वाले ट्रस्टी के द्वारा तरह तरह का प्रोजैक्ट निकाल कर गरीबों पर टारगेट किया जाता है। कहा कि बस्ती में दो दो चापानल खराब है, लोग नाली का पानी पीने को मजबूर है और बगल में बड़े बड़े बिल्डिंग में सारी सुविधाएं दी जा रही है।
इधर गिरिडीह नगर कमिटी के सचिव राजेश सिन्हा ने कहा कि लगभग पूरे गिरिडीह विधानसभा का यही हाल है। गरीबों को टारगेट किया जा रहा है और विभाग अमीरों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करा रही है। जिसका माले खुलकर विरोध करेगा।
