गीता के बाद अब भाजपा की हुईं सीता, सतह पर आई सोरेन परिवार की लड़ाई
झारखंड को बचाने के लिए ही मोदी जी के परिवार में हुई शामिल: सीता सोरेन
रिंकेश कुमार
रांची। झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू सह जामा विधायक सीता सोरेन ने झारखंड की राजनीति में हलचल पैदा करते हुए मंगलवार को जहां झामुमो की प्राथमिक सदस्यता और विधायकी से इस्तीफ़ा दे दिया, वहीं इसके कुछ घंटे बाद ही भाजपा की सदस्यता भी ग्रहण कर ली है। भाजपा के झारखंड प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विनोद तावड़े ने उनका स्वागत करते हुए पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई।
विदित हो कि ईडी के द्वारा भूमि घोटाले से जुड़े मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किए जाने के बाद से लगातार झारखंड की राजनीति ही नही बल्कि सोरेन परिवार में भी हलचल मची हुई थी। जिसपर विराम लगाने की चेष्टा से झामुमो परिवार के सदस्य के बजाय चंपाई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया और उन्हे सीएम बनाया गया। झामुमो परिवार के काफी करीबी रहे चंपाई सोरेन के सीएम बनने के लगा था कि सबकुछ सामान्य हो गया है, लेकिन मंगलवार को सीता सोरेन ने एक के बाद एक विस्फोट करते हुए जहां झामुमो की प्राथमिक सदस्यता व विधायकी से इस्तीफ़ा दे दिया, वहीं भाजपा में शामिल होकर झामुमो की बैचेनी बढ़ा दी है।
भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद सीता सोरेन ने कहा कि आज वे विशाल परिवार में शामिल हो रही हैं। जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच पूरे भारत को विश्व पटल पर स्थापित करने की है, ठीक उसी तरह से वे झारखंड को भी पूरे देश के पटल पर विकसित राज्य के रूप में स्थापित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि मैंने भी झारखंड में कई संघर्ष किए है। 14 साल झारखंड मुक्ति मोर्चा में रही और उन्होंने देखा कि किस तरह से उनके पति स्व0 दुर्गा सोरेन अपने पिता झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की अगुआई में अलग राज्य झारखंड बनाया। कहा कि उनके पति ने राज्य के विकास कार्य की लड़ाई लड़ी, लेकिन उनके निधन के बाद उनका सपना सिर्फ सपना ही रह गया। कहा कि उनके सपने को ही पूरा करने के लिए वे राजनीति में आई विधायक बनी। हालांकि जिस मुकाम तक पहुंचना चाहिए था, वो हासिल नहीं हो पाया। झारखंड आज भी विकास से कोसों दूर है। कहा कि वे झारखंड को बचाने के लिए ही प्रधानमंत्री मोदी जी से प्रेरित होकर भाजपा में शामिल हुई है।