तेज प्रताप यादव का नया पोस्ट और बिहार की सियासी हलचल
"सच सामने आएगा": तेज प्रताप यादव की चुप्पी टूटी, जनता पर सौंपा फैसला


नव बिहान डेस्क : बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और हसनपुर से विधायक तेज प्रताप यादव ने अपने ताजा सोशल मीडिया पोस्ट से सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ दी है। तेज प्रताप ने ‘एक्स’ पर लिखा, “सच सामने आने वाला है, मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी नहीं समझना, ये मत समझना कि तुम्हारी साजिश नहीं समझता। मेरी भूमिका कोई दल या परिवार नहीं, बल्कि जनता तय करेगी। शुरू तुमने किया है, अंत मैं करूँगा।” इस पोस्ट ने न केवल राजद के भीतर चल रही अंदरूनी खींचतान को उजागर किया है, बल्कि तेज प्रताप के अगले राजनीतिक कदम को लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है।
परिवार और पार्टी से निष्कासन

तेज प्रताप यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने उन्हें एक विवादास्पद फेसबुक पोस्ट के बाद पार्टी और परिवार से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। उस पोस्ट में तेज प्रताप ने अनुष्का यादव के साथ 12 साल पुराने रिश्ते का खुलासा किया था, जिसे बाद में उन्होंने “अकाउंट हैक” होने का दावा कर वापस ले लिया। हालांकि, इस घटना ने लालू परिवार में दरार को और गहरा कर दिया। तेज प्रताप के इस नए पोस्ट को उनके निष्कासन के बाद पहली बड़ी प्रतिक्रिया माना जा रहा है।
साजिश और जनता की अदालत
तेज प्रताप का यह पोस्ट कई स्तरों पर महत्वपूर्ण है। पहला, “सच सामने आने वाला है” का दावा उनके खिलाफ कथित साजिशों को बेनकाब करने की ओर इशारा करता है। दूसरा, “मेरी खामोशी को कमजोरी नहीं समझना” यह संदेश देता है कि वे अब चुप नहीं रहेंगे और अपने विरोधियों को जवाब देने के लिए तैयार हैं। सबसे अहम, “मेरी भूमिका जनता तय करेगी” का बयान उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर एक नई दिशा का संकेत देता है। यह बयान इस बात का भी इशारा है कि तेज प्रताप अब परिवार या पार्टी की बजाय जनता के समर्थन पर भरोसा जता रहे हैं।
सियासी हलचल: नई पार्टी या निर्दलीय रास्ता?
तेज प्रताप की इस पोस्ट ने बिहार की सियासत में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या वे नई पार्टी बनाने की तैयारी में हैं? या फिर 2025 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरेंगे? सूत्रों के मुताबिक, तेज प्रताप अपने समर्थकों और पुराने सहयोगियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं, जिससे उनके नए राजनीतिक संगठन की अटकलें तेज हो गई हैं। हालाँकि तेजप्रताप किसी नई पार्टी के गठन की अटकलों को अब तक खारिज करते आए हैं।
परिवार और पार्टी की प्रतिक्रिया
तेज प्रताप के इस पोस्ट पर अभी तक लालू यादव, तेजस्वी यादव या राजद के अन्य नेताओं की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, तेजस्वी यादव ने पहले उनके निष्कासन को पार्टी अध्यक्ष का फैसला बताकर दूरी बनाई थी। दूसरी ओर, राजद कार्यकर्ताओं के बीच तेज प्रताप के समर्थन में सोशल मीडिया पर #JusticeForTejPratap ट्रेंड कर रहा है, जो उनके जनाधार का संकेत देता है।
विपक्ष का तंज
विपक्षी दलों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए राजद पर निशाना साधा है। बीजेपी विधायक संजय उपाध्याय ने कहा, “यह लालू परिवार का अंदरूनी ड्रामा है, जो जनता को भटकाने के लिए खेला जा रहा है।” वहीं, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने इसे “पार्टी की रणनीति” करार दिया।
तेज प्रताप यादव का यह पोस्ट उनके राजनीतिक करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। उनकी चुप्पी टूटने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपनी कथित साजिशों को कैसे बेनकाब करते हैं और जनता की अदालत में अपनी भूमिका को कैसे साबित करते हैं। बिहार की सियासत में यह घटनाक्रम निश्चित तौर पर नया मोड़ लाने वाला है।

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