Nav Bihan
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सनातन कहता है कि प्रेम से पायी हुई कोई वस्तु कष्टकारक नहीं होती है

गौरी के प्यार की जीत का पर्व है "महाशिवरात्रि" 💕

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– प्रभाकर

माता-पिता के लाख समझाने के बावजूद गौरी महादेव के अलावा किसी को अपना पति स्वीकार करने को तैयार नहीं थी।

गौरी ने किससे प्यार किया था, कभी सोचा है आपने?? अघोड महादेव से, जो गौरी से उम्र में बहुत बडे थे, उनकी पहली शादी सती से हो चुकी थी। पहाड पर रहते थे। बाघ की छाल पहनते थे। अपने विराट रूप से भूत-प्रेत संग बारात लेकर जब गौरी से शादी करने पहुंचे, तो गौरी की मां उनका रूप और संगत देखकर बेहोश हो गयी। (यह प्रसंग हमारे यहां विवाह के लोक गीतों में दर्ज है) इसके बावजूद गौरी ने महादेव से विवाह किया।

गौरी ने जिससे प्यार किया, उसी से शादी की और गौरी जैसा सुखमय जीवन दुनिया में किसी का नहीं हुआ।

प्रेम विवाह का यह एक ऐसा उदाहरण है, जो विश्व समाज में सनातन धर्म को महान बनाता है
यह धर्म की कैसी व्याख्या है।

महाशिवरात्रि पर आप सोचिए कि महादेव जैसा लडका अगर आपकी बेटी चुनकर उससे शादी की जिद करती है तो आप उसके खिलाफ कैसे जायेंगे…

#बताइएगा_जरूर
#हर_हर_महादेव
#शिवरात्रि

– ये इस आलेख के लेखक “प्रभाकर” के अपने विचार हैं

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