श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदलने पर बाबूलाल मरांडी ने जताई नाराज़गी, सरकार से निर्णय वापस लेने की मांग


रांची। झारखंड सरकार द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर वीर बुद्धू भगत विश्वविद्यालय किए जाने के फैसले पर राज्य की राजनीति में विवाद गहराता जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
बाबूलाल मरांडी ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह कदम न केवल एक गलत परंपरा की शुरुआत है, बल्कि यह संस्थानों की स्थिरता और उनके इतिहास के प्रति असम्मान भी दर्शाता है। उन्होंने लिखा, “इस तरह का निर्णय न तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के सम्मान में है, और न ही महान स्वतंत्रता सेनानी वीर बुद्धू भगत जी के योगदान को उचित श्रद्धांजलि देता है।”
मरांडी ने सरकार को सुझाव दिया कि यदि वास्तव में वीर बुद्धू भगत जी को सम्मानित करने की मंशा है, तो उनके नाम पर एक नया विश्वविद्यालय स्थापित किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि एक महान विभूति के नाम को हटाकर किसी अन्य महान व्यक्तित्व के नाम पर संस्थान का नाम रख देना, दोनों ही विभूतियों की विरासत और सम्मान को प्रभावित करता है।
नेता प्रतिपक्ष ने इस निर्णय को राजनीतिक उद्देश्य से ध्यान भटकाने की कोशिश करार देते हुए सरकार से मांग की कि वह इस फैसले को तत्काल वापस ले। साथ ही उन्होंने वीर बुद्धू भगत जी के नाम पर एक नए विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग की, जिससे युवाओं को शिक्षा के नए अवसर मिल सकें और वीर बुद्धू भगत जी की विरासत को सार्थक रूप से संरक्षित किया जा सके।
मरांडी ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाती है तो विपक्ष उसका पूरा समर्थन करेगा।

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