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गिरिडीह में गांधी आगमन शताब्दी समारोह की दो दिन रही धूम

300 प्रतिभागियों और 200 पदयात्रियों को किया गया सम्मानित

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गिरिडीह: गिरिडीह में 6 और 7 अक्टूबर को महात्मा गांधी के आगमन की शताब्दी वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए दो दिवसीय भव्य समारोह का आयोजन किया गया। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े इस अवसर पर जिलेभर में गांधी विचार, दर्शन और उनके जीवन से प्रेरित गतिविधियों की गूंज रही।

समारोह के समापन अवसर पर नगर भवन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले 300 छात्र-छात्राओं और 42 किलोमीटर लंबी पदयात्रा में शामिल लगभग 200 प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया गया।

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विद्यालयों में महात्मा गांधी पर केंद्रित प्रतियोगिताएं

5 अक्टूबर को सर जे.सी. बोस सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, गिरिडीह में विद्यालय स्तरीय प्रतियोगिताओं — भाषण, लेख, चित्रकला, कोलाज, कविता पाठ और रंगोली — का आयोजन किया गया। जूनियर और सीनियर वर्गों में हुई इन प्रतियोगिताओं में जिले के 25 से अधिक विद्यालयों के 300 से ज्यादा विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने गांधीजी के जीवन, विचार और दर्शन से जुड़कर अपनी सृजनात्मकता का प्रदर्शन किया।

गिरिडीह महाविद्यालय सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी भाषण संगोष्ठियों और चर्चाओं के माध्यम से छात्रों को गांधी विचारधारा से जोड़ने का प्रयास किया गया।

ऐतिहासिक यात्रा और पुस्तिका ‘गिरिडीह में गांधी’ का लोकार्पण

नगर भवन में आयोजित समारोह के दौरान ‘गिरिडीह में गांधी’ शीर्षक से एक विशेष पुस्तिका का लोकार्पण किया गया, जिसमें 1925 में गांधीजी के गिरिडीह और खरगडीहा प्रवास से जुड़े अभिलेख, अनुभव और ऐतिहासिक संदर्भ संजोए गए हैं।

42 किमी की ऐतिहासिक पदयात्रा

6 अक्टूबर को खरगडीहा से आरंभ होकर पचम्बा और गिरिडीह शहर होते हुए नगर भवन तक दो दिवसीय 42 किलोमीटर लंबी पदयात्रा निकाली गई। यात्रा में 150 से अधिक पदयात्रियों के अलावा सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए।
यात्रा के दौरान विभिन्न गांवों में ग्रामीणों ने स्वागत कर गांधी के संदेशों और विचारों पर चर्चा की।

पूरी यात्रा के दौरान एलईडी वाहन के माध्यम से गांधीजी की जीवनी प्रदर्शित की गई, जबकि स्थानीय कलाकारों ने खोरठा गीत, झूमर और लोक नृत्य के जरिए गांधीजी के जीवन दर्शन को जीवंत किया।

चितरडीह में रात्रि संगोष्ठी रही आकर्षण का केंद्र

चितरडीह में आयोजित रात्रि संगोष्ठी में राज्य के खेल, संस्कृति एवं युवा कार्य मंत्री सुदिव्य कुमार, युवा लेखक नीलोत्पल मृणाल और गांधी दर्शन के शोधार्थी आयुष चतुर्वेदी ने विचार रखे।
उपायुक्त गिरिडीह रामनिवास यादव ने गांधीजी के ग्राम स्वराज और विकेंद्रीकृत विकास की अवधारणा पर चर्चा करते हुए जनभागीदारी को बढ़ाने की आवश्यकता बताई। ज़िले के पुलिस कप्तान डॉ विमल कुमार ने कहा कि आज के हालात में गांधी के विचार और दर्शन और अधिक प्रासंगिक हैं, जो हमारे भीतर ऊर्जा का संचार करते हैं।

स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणास्रोतों को नमन

इस अवसर पर उस ऐतिहासिक यात्रा के कुछ साक्षी रहे लोगों और उनसे प्रेरित स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को भी सम्मानित किया गया।
समारोह में राजकिशोर गुप्ता के परिवार द्वारा गांधीजी की 1925 की पचम्बा यात्रा के दौरान माहुरी समाज की ओर से दिए गए ज्ञापन की मूल प्रति साझा की गई, जिसे ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में अंकित किया गया।

आभार और धन्यवाद

गांधी आगमन शताब्दी समारोह समिति और जिला प्रशासन, गिरिडीह ने आयोजन में किसी भी रूप में सहयोग देने वाले नागरिकों, पंचायत प्रतिनिधियों, प्रतिभागियों, मीडिया एवं ग्रामीण जनता का हृदय से आभार प्रकट किया।

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