गिरिडीह में महात्मा गांधी के आगमन के शताब्दी समरोहों की भव्य शुरुआत
खरगडीहा से शुरू हुई दो दिवसीय पदयात्रा, 7 तारीख को नगर भवन में होगा समापन समारोह


गिरिडीह : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के गिरिडीह आगमन की 100वीं वर्षगांठ पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है। इस ऐतिहासिक अवसर पर बड़े स्तर पर दो दिवसीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें जिले के अलावा पूरे देश से बड़ी संख्या में लोग हिस्सा ले रहे हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत खरगडीहा में सुबह लंगेश्वरी बाबा की समाधि पर चादरपोशी और उसके बाद पदयात्रा से हुई, जिसमें गिरिडीह उपायुक्त रामनिवास यादव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उनके साथ झामुमो के ज़िलाध्यक्ष संजय सिंह, स्थानीय जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, स्कूली छात्र-छात्राएं और आम नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। पदयात्रा खरगडीहा से शुरू होकर दूसरे दिन पचम्बा पहुंचेगी, जहाँ पचम्बा हाई स्कूल परिसर में एक भव्य जनसभा होगी. इसके बाद सभी लोग पचम्बा से चलेंगे और रास्ते में पड़ने वाली सभी महापुरुषों की मूर्तियों पर माल्यार्पण करते हुए नगर भवन पहुंचेगे. पदयात्रा के दौरान जाएंगे के दौरान गांधीजी के जीवन, उनके सिद्धांतों और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को गीतों, स्लोगन और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से याद किया जाएगा।


गौरतलब है कि 6 और 7 अक्टूबर 1925 को आज़ादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी गिरिडीह ज़िले के खरगडीहा और उसके बाद पचम्बा पहुंचे थे. इन दोनों स्थानों पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में जन-भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जनसभाओं को संबोधित किया था।
इस दो दिवसीय पदयात्रा के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रेरक भाषणों के माध्यम से गांधीजी के विचारों — सत्य, अहिंसा और एकता — को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। यह आयोजन न केवल इतिहास को जीवंत करने वाला है, बल्कि समाज में गांधीजी के आदर्शों को पुनः स्थापित करने का सशक्त संदेश भी देने का प्रयास है।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समिति के संयोजक कृष्णकान्त, धरनीधर, सतीश कुंदन, उमेश तिवारी, शंकर पाण्डेय, रितेश सराक, आलोक रंजन, जयकुमार मिश्र, अरुण शर्मा, प्रभाकर, कृष्ण मुरारी शर्मा, सोमनाथ, विलियम जैकब सहित सैकड़ों लोग जुटे हुए हैं.
