Nav Bihan
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बिहार के पूर्णिया में डायन बताकर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या

अंधविश्वास ने ली पांच जिंदगियां, पहले जी भर कर पीटा, फिर जिंदा जलाया

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नव बिहान डेस्क : बिहार के पूर्णिया जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के रजीगंज पंचायत अंतर्गत टेटगामा गांव में 6 जुलाई 2025 की रात अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के पांच लोगों—बाबूलाल उरांव, उनकी पत्नी सीता देवी, मां सातो देवी, बहू रानी देवी और बेटा मंजीत उरांव की निर्मम हत्या कर दी गई। गांव की 250 लोगों की भीड़ ने डायन होने का आरोप लगाकर पहले परिवार को बेरहमी से पीटा और फिर जिंदा जला दिया।

हत्या का कारण बना तंत्र-मंत्र

बिहार के पूर्णिया में डायन बताकर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या
बिहार के पूर्णिया में डायन बताकर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या

 

घटना की जड़ रामदेव उरांव के परिवार में हुई दो मौतें और एक बेटे की बीमारी थी। गांव वालों ने तांत्रिक नकुल उरांव की सलाह पर सीता देवी को डायन ठहराया। इसके बाद भीड़ ने बाबूलाल के पूरे परिवार को निशाना बनाया। शवों को जलकुंभी के बीच तालाब में छिपाया गया, जिन्हें बाद में पुलिस ने बरामद किया।

पुलिस कार्रवाई और जांच

अंधविश्वास ने ली पांच जिंदगियां, पहले जी भर कर पीटा, फिर जिंदा जलाया
अंधविश्वास ने ली पांच जिंदगियां, पहले जी भर कर पीटा, फिर जिंदा जलाया

 

पूर्णिया पुलिस ने तांत्रिक नकुल उरांव समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले की गहन जांच के लिए SIT गठित की गई है। पूर्णिया की एसपी स्वीटी सहरावत और एसडीपीओ पंकज कुमार शर्मा ने घटना की पुष्टि की, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि पीड़ितों को पहले पीटा गया या जिंदा जलाया गया। गांव में भय का माहौल है, और कई ग्रामीण फरार हैं।

कानून व्यवस्था पर उठे सवाल

इस जघन्य हत्याकांड ने बिहार में अंधविश्वास और कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए इसे प्रशासनिक विफलता बताया। स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता की मांग कर रहे हैं।

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