Nav Bihan
हर खबर पर पैनी नजर

हाँ, मैंने ही राजा को मारा – कड़ाई से पूछ-ताछ में टूट गई सोनम

मेघालय के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, सोनम और उसके प्रेमी ने कबूला जुर्म

190

नव बिहान डेस्क : बहुचर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में शिलॉन्ग पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सूत्रों की मानें तो मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी और उसके प्रेमी राज कुशवाह ने पुलिस की कड़ाई से पूछताछ में अपराध कबूल कर लिया है। हालाँकि इस बाबत पुलिस का अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

पुलिस ने पुख्ता सबूतों के दम पर दोनों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की, जिसके बाद सोनम मानसिक दबाव में टूट गई और उसने अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या की साजिश में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली।पुलिस सूत्रों के अनुसार, शिलॉन्ग पुलिस के पास पहले से ही कई अहम सबूत मौजूद थे, जिनमें फोन कॉल रिकॉर्ड, चैट्स और सीसीटीवी फुटेज शामिल हैं। इन डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर जब पुलिस ने सोनम और राज को आमने-सामने बिठाया, तो सोनम के पास कोई रास्ता नहीं बचा। पूछताछ के दौरान राज कुशवाह शांत रहा, जबकि सोनम भावुक होकर फूट-फूटकर रोने लगी और उसने सारा सच उगल दिया। उसने कबूल किया कि वह शादी से पहले से ही राज से प्रेम करती थी और अपने पति से छुटकारा पाने के लिए इस हत्या की साजिश रची गई।

sawad sansar

पुलिस की अगली रणनीति

शिलॉन्ग पुलिस अब दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही है। इससे पहले मेडिकल परीक्षण और थाने में औपचारिक प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं। इस मामले में इंदौर पुलिस भी मेघालय पुलिस के साथ लगातार संपर्क में है, ताकि जांच में समन्वय बना रहे। पुलिस का अगला कदम कोर्ट में इस कबूलनामे को ठोस साक्ष्यों के साथ पेश कर न्याय सुनिश्चित करना होगा।

देशभर में सनसनी

इस हत्याकांड ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। एक नवविवाहित जोड़े की कहानी, जिसमें पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रची, ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह मामला न केवल मेघालय, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।

राजा रघुवंशी की हत्या ने शुरुआत में कई सवाल खड़े किए थे, लेकिन शिलॉन्ग पुलिस की त्वरित कार्रवाई और तकनीकी सबूतों के आधार पर इस मामले का खुलासा हो सका। अब यह केस कोर्ट में निर्णायक मोड़ लेने वाला है, जहां साक्ष्यों और कबूलनामे की मजबूती तय करेगी कि इंसाफ का तराजू किस ओर झुकता है।

इस घटना ने रिश्तों में विश्वास और नैतिकता पर गहरे सवाल उठाए हैं। मेघालय पुलिस की इस सफलता ने एक बार फिर साबित किया है कि सत्य को छुपाना आसान नहीं।

Comments are closed.