मंत्री हफिजूल हसन के संविधान को लेकर दिए बयान के विरोध में भाजपा ने किया विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस, झामुमो व राजद गठबंधन की सरकार बनते ही राज्य में बढ़े सम्प्रदायिक दंगे, सरकार तुष्टिकरण में लिप्त: बाबूलाल मरांडी


गिरिडीह। झारखंड सरकार के मंत्री हफिजूल हसन के द्वारा संविधान पर दिए गए बयान के विरोध में विपक्ष के द्वारा लगातार आवाज उठाये जा रहे है। इसी क्रम में शनिवार को गिरिडीह में भाजपा के द्वारा आक्र्रोश पूर्ण विरोध मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रविन्द्र राय, पूर्व विधायक लक्ष्मण स्पर्णकार, अशोक उपाध्याय, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य चून्नुकांत, सुरेश साव, विभाकर पांडेय, दिनेश यादव, नुनूलाल मरांडी, विनय सिंह, प्रो जय प्रकाश वर्मा, जिलाध्यक्ष महादेव दुबे, संदीप डंगायच, हरबिन्दर सिंह बग्गा, संजीत सिंह पप्पु, रंजित राय, सहित काफी संख्या में भाजपाई शामिल हुए और गिरिडीह स्टेडियम से पदयात्रा करते हुए पपरवाटांड़ स्थित समाहरणालय परिसर पहुंचे। पद यात्रा के दौरान भाजपाई लगातार हेमंत सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मंत्री हफिजूल हसन को बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जबसे झारखंड में कांग्रेस झामुमो व राजद गठबंधन की सरकार बनी है तबसे राज्य में सम्प्रदायिक दंगे बढ़ गए है। हिन्दूओं के विभिन्न पर्व त्योहारों पर एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा पत्थर चलाये जा रहे, पेट्रोल बम फेंके जा रहे है, जबकि सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय आधे आधे का खेल कर दंगाईयों के साथ-साथ पीड़ितों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है। कहा कि सरकार के मंत्री खुले आम संविधान को मानने से इंकार करते हुए सरियत को सबसे उपर बताते हुए मुस्लिम समुदाय को भड़काने का काम करते है।
उन्होंने कहा कि नगर मंत्री हो या स्वास्थ्य मंत्री हो या खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंत्री हफिजूल को बर्खास्त करने के बजाय उनके बचाव मे खड़े है। कहा कि संविधान को खतरे में बताने वाली कांग्रेस अपने सरकार के मंत्री के संविधान विरोधी बयान के खिलाफ क्यों खामोश है। कहा कि भाजपा जनता की अदालत पर यकीन करती है और जो गलती जनता ने हेमंत सरकार को दुबारा सत्ता में बैठाकर किया है उस पर कोई मंत्री को हिम्मत नही की कोई कुछ कह सके।

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