नहीं रहीं लोक गायिका शारदा सिन्हा, 72 की उम्र में दिल्ली के एम्स में हुआ निधन
पति से बिचोह के 44 दिनों बाद ही दुनिया को कहा अलविदा
छठ गीतों का पर्याय बन चुकीं, भोजपुरी की लोकगायिका शारदा सिन्हा का आखिरकार निधन हो गया है. वेंटीलेटर पर जाने के कुछ घंटों बाद ही दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. सिंगर के चाहनेवालों को इस खबर से बड़ा झटका लगा है. शारदा सिन्हा की तस्वीर शेयर करते हुए उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने मौत के ख़बर की पुष्टि कर दी है.
अपनी मधुर आवाज से फैंस का दिल जीतने वाली शारदा अब हमेशा के लिए चुप हो गई हैं. लेकिन उनकी आवाज छठ महापर्व के गीतों के अमर रहेगी और वे अपने सभी चाहनेवालों की यादों में जिंदा रहेंगी.
पिछले कुछ वर्षों से कैंसर से जूझ रहीं शारदा सिन्हा का अंतिम गीत दुखवा मिटाईं छठी मइया था. इसी गीत के बाद शारदा सिन्हा को छठी मइया ने अपने पास बुला लिया।
वे सोमवार को वेंटिलेटर पर गईं और मंगलवार को छठ के नहाय खाय की शाम छठी मइया ने उन्हें बुला लिया। छठ गीतों का पर्याय रहीं शारदा सिन्हा ने निधन के तीन दिन पहले ही अपना अंतिम छठ एल्बम एम्स से ही रिलीज कराया था।
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