35 साल पुराने हत्याकांड मामले में तीन आरोपी दोषी करार, छह मार्च को सुनाई जायेगी सजा
गिरिडीह के एडीजे वन के कोर्ट ने सुनाया फैसला, माले में कई आरोपियों को पहले ही हो चुकी है सजा, कई अब भी फरार
गिरिडीह : हत्याकांड के 35 साल पुराने मामले में गिरिडीह के एडीजे वन गोपाल पांडे की अदालत ने तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है। जिन तीन आरोपियों को दोषी करार दिया गया है, उनमे गिरिडीह के गांवा थाना इलाके के डाबर गांव निवासी शीतन सिंह, साधु पासी और मधुसूदन यादव शामिल हैं। 35 साल पुराने इस मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई अब 6 मार्च को होगी। एकीकृत बिहार में हुए इस चर्चित हत्याकांड मामले में कुल 15 आरोपी थे, जिनमे कुछ आरोपियों को कोर्ट से पहले ही सजा मिल चुकी है। वही कई आरोपी अब भी फरार है। जिन तीन आरोपियों को मंगलवार को दोषी करार दिया गया, उन्हे गांवा थाना पुलिस ने तीन माह पहले दबोच कर जेल भेजा था।
जानकारी के अनुसार इस हत्याकांड को लेकर गिरिडीह कोर्ट में 1997 में मामला दाखिल हुआ और इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई शुरू की। करीब 27 सालों तक चली सुनवाई के बाद कुछ आरोपियों को सजा सुनाई गई। तीन माह पहले दबोचे गए तीन आरोपियों को मंगलवार को दोषी करार दिया गया।
हत्याकांड का यह मामला दो पक्षों के बीच पुरानी रंजिश से जुड़ा हुआ है, जिसमे 15 आरोपियों ने गांवा के ही ह्रदय नारायण सिंह की हत्या कर दिया था। जब मृतक सोने के लिए मवेशी घर जा रहा था, इसी दौरान घात लगाए 15 आरोपियों ने मृतक पर हमला बोलकर उसे मौत के घाट उतारा। घटना के बाद मृतक के परिजन जेबराज सिंह ने गांवा थाना में केस दर्ज कराया था। इस मामले में सूचक की तरफ से सरकारी वकील धनंजय दास ने बहस की जबकि अलग – अलग आरोपियों की पैरवी इमरान आलम और केएस मूर्ति कर रहे थे।