Nav Bihan
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24 घंटे दुकान पर रहकर संघर्ष करेंगे दुकानदार

भाकपा (माले) दुकानदारों के साथ, लोकतांत्रिक आंदोलन का आह्वान — राजेश सिन्हा

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गिरिडीह : शहर के 45 दुकानदारों के सामने एक बार फिर नया संकट खड़ा हो गया है। नगर निगम द्वारा दुकानों को हटाने से संबंधित नया नोटिस जारी किए जाने के बाद दुकानदारों में आक्रोश व्याप्त है। दुकानदारों ने निर्णय लिया है कि वे अपनी दुकानों की रक्षा के लिए 24 घंटे दुकान पर ही रहेंगे और शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक आंदोलन करेंगे।

इसी मुद्दे को लेकर दुकानदारों ने भाकपा (माले) नेता राजेश सिन्हा को बुलाकर पूरी स्थिति से अवगत कराया। राजेश सिन्हा ने दुकानदारों को समर्थन देते हुए कहा कि भाकपा (माले) पूरी मजबूती से दुकानदारों के साथ खड़ी है और सभी राजनीतिक दलों को भी इस मुद्दे पर आगे आना चाहिए।

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राजेश सिन्हा ने कहा कि नगर निगम ने लगभग तीन दशक पहले इस मार्केट का निर्माण कर दुकानदारों को आवंटन दिया था। एक-एक दुकान से औसतन पांच परिवारों का पालन-पोषण होता है। पहले नोटिस में छज्जा तोड़ने को कहा गया, फिर तीन फीट हटाने का निर्देश दिया गया, उसके बाद पूरी दुकान तोड़ने की बात कही गई और अब नया नोटिस देकर कहा जा रहा है कि टूटी हुई दुकानों में कोई भी व्यवसाय नहीं चलेगा क्योंकि यह अतिक्रमण है।

उन्होंने आरोप लगाया कि असल मुद्दा पुराना जेल परिसर के सामने की जमीन को खाली कराने से जुड़ा है। जमीन के इस खेल में बार-बार नोटिस देकर दुकानदारों को भ्रमित किया जा रहा है। यदि यह वास्तव में सड़क चौड़ीकरण का मामला होता तो जेपी चौक से कल्याणडीह तक सड़क की चौड़ाई एक समान होती, जबकि वास्तविकता में कहीं चौड़ाई कम है और कहीं अधिक। उन्होंने कहा कि जिसकी राजनीतिक या प्रशासनिक पहुंच है उसकी दुकान बची हुई है और जिसकी पहुंच नहीं है उसकी दुकान तोड़ी जा रही है, जो सरासर अन्याय है।

राजेश सिन्हा ने यह भी सवाल उठाया कि जब यह क्षेत्र अतिक्रमित था तो सात महीने पहले नगर निगम ने कई दुकानदारों के साथ नया एग्रीमेंट क्यों किया। उन्होंने इसे नगर निगम की दोहरी नीति बताया।

दुकानदारों ने कहा कि लगातार नोटिस के कारण उनके परिवार मानसिक तनाव में हैं। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और रोजगार बर्बाद हो गया है। दुकानदारों ने मांग की, कि यदि नगर निगम कार्रवाई करता है तो उन्हें मुआवजा दिया जाए। दुकानदारों ने यह भी निर्णय लिया कि वे माननीय मंत्री, उपायुक्त, एसडीएम और नगर निगम से वार्ता करेंगे तथा सभी राजनीतिक दलों से समर्थन मांगेंगे।

इस अवसर पर दुकानदारों की ओर से कहा गया कि यदि आज वे चुप रहे तो कल यह संकट अन्य दुकानदारों पर भी आएगा। इसलिए सभी दुकानदारों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को इस मुद्दे पर एकजुट होकर समाधान निकालना चाहिए।

बैठक में मनोज केसरी, प्रिय रंजन चौधरी, सुनील केसरी, पंकज तरवे, शम्मा परवीन, असीम जफर, अनिल कुमार देव, कमलजीत कोर, मुख्तार अहमद, बलविंदर सिंह, चंदन शर्मा, किशोर कुमार, मौला बक्स, साहू बिक्रम, निलेश कुमार, विनोद कुमार, अजेंद्र सिंह, अवतार सिंह, अजीत कुमार, मनीष कुमार, संजय कुमार सिन्हा, रज्जाक मियां, देवेंद्र सिंह, युगल किशोर, गौतम गुप्ता सहित बड़ी संख्या में दुकानदार उपस्थित थे।अंत में राजेश सिन्हा ने कहा कि नगर निगम अतिक्रमण के नाम पर दोहरी राजनीति कर रहा है। एक ओर ठेला, खोमचा और सब्जी विक्रेताओं से प्रतिदिन शुल्क वसूल कर टेंडर देता है और दूसरी ओर उन्हीं को अतिक्रमण बताकर हटाता है। उन्होंने कहा कि गलत को गलत कहना होगा और इसके खिलाफ लोकतांत्रिक आंदोलन ही एकमात्र रास्ता है।

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