Nav Bihan
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स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग कर्मियों के वेतन और ईपीएफ में गड़बड़ी, आंदोलन के बाद भी नही हुई कार्रवाई

जेएलकेएम ने एक बार फिर दी आंदोलन की चेतावनी, तीन चरण में होगा आंदोलन

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गिरिडीह। विगत कई महिनों से स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को उनके मासिक वेतन और ईपीएफ से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन मुद्दों को लेकर पहले भी आंदोलन किए गए थे, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। जिसे देखते हुए एक बार फिर झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने बैठक करते हुए सरकार और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ आवाज बुलंद करने का निर्णय लिया है।

बैठक के दौरान आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने कहा कि वेतन में कटौती और ईपीएफ में गड़बड़ी के कारण उनका जीवनयापन कठिन हो गया है। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है और बच्चों की शिक्षा तक प्रभावित हो रही है। कई कर्मचारियों को पिछले महीनों का वेतन भी समय पर नहीं मिला है, जिससे उनकी परेशानियां ओर बढ़ गई हैं।

 

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मोर्चा के केंद्रीय सचिव नागेंद्र चंद्रवंशी की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग गिरिडीह में काम करने वाली आउटसोर्सिंग कंपनी डिटेक्टिव फोर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कर्मचारियों के वेतन में कटौती और ईपीएफ में गड़बड़ी की जा रही है। जिसे देखते हुए 18 जनवरी को पार्टी द्वारा गिरिडीह के उपायुक्त के अलावे झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा गया था। बावजूद इसके अब तक किसी भी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।

बैठक के दौरान इस बार तीन चरणों में आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है। बताया कि 24 मार्च को सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारी काला बिल्ला लगाकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे और सरकार व प्रशासन को चेतावनी देंगे। वहीं दो अप्रैल को सरकार और प्रशासन की निष्क्रियता के विरोध में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। इसके बाद भी प्रशासन और सरकार द्वारा कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो सात अप्रैल जिला मुख्यालय के समक्ष विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस धरने में जिले भर के आउटसोर्सिंग कर्मचारी शामिल होंगे और सरकार से सीधी कार्रवाई की मांग करेंगे।

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