Nav Bihan
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साइकिल वितरण के नाम पर शाखम विद्यालय के हेडमास्टर कर रहे हैं छात्रों से वसूली

विद्यालय में पढ़ते है ज्यादातर आदिवासी व पिछड़ी जाति के बच्चे

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गिरिडीह। जिले के तिसरी प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय शाखम में इन दिनों साइकिल वितरण के नाम पर अवैध वसूली किया जा रहा है। यह वसूली खास कर आदिवासी और पिछड़े समुदाय से आने वाले बच्चों से की जा रही है। इतना ही नहीं विद्यालय में साढ़े 12 बजे ही बच्चों की छुट्टियां कर उन्हें घर भेज दिया जाता है। विद्यालय के बच्चे एवं उनके अभिभावक की माने तो विद्यालय में साइकिल आया था और उन्हें साइकिल दिए जाने के नाम पर एक हजार रूपये प्रति बच्चे विद्यालय के हेडमास्टर द्वारा वसूली की गई।

खेतो गांव निवासी सोनवा हेंब्रम की पत्नी ने बताया कि उनका पुत्र रमेश हेंब्रम शाखम विद्यालय में 8वीं में पड़ता है, उसे साइकिल देने के नाम पर एक हजार रुपए का मांग किया गया। इसमें उन्होंने 500 रुपए दे दिए गए, जबकि 500 रूपये और देने बाकी है। वहीं गणेश हांसदा के पुत्र और उसी विद्यालय के 8वीं के छात्र सुलेमान हांसदा ने बताया कि उन्हें साइकिल मिली है और इसके लिए विद्यालय के हेडमास्टर ने उससे एक हजार रुपए नगद लिए है।

इधर मामले को लेकर जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुरेंद्र नायक ने बताया कि विद्यालय में तीन शिक्षक हैं और दो शिक्षक छुट्टी में हैं। उन्हें अचानक बीआरसी में मध्याहन भोजन का रिपोर्ट जमा करना था, इसलिए वे बच्चों को छुट्टी दे दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि 17 बच्चों के बीच उन्होंने साइकिल का वितरण किया है और इसके लिए वे प्रत्येक बच्चों से एक सौ रूपये साइकिल तिसरी से विद्यालय तक लाने के लिए भाड़ा के नाम पर लिए हैं। अधिक पैसे लेने का आरोप बेबुनियाद है।

ज्ञात हो कि जिन बच्चों एवं परिजनों द्वारा साइकिल के नाम पर एक हजार रुपए दिया गया है वे अत्यंत गरीब है और गरीब बच्चों के कल्याण के लिए ही कल्याण विभाग द्वारा छात्रों के बीच साइकिल का वितरण किया जा रहा है। लेकिन कल्याण विभाग के इन कल्याणकारी योजनाओं को ऐसे प्राध्यापक अवैध वसूली का जरिया बना दिए हैं।

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