वार्षिक आचार्य कार्यशाला में प्रांतीय कार्य योजना एवं शैक्षिक पंचांग के विषयों पर चर्चा
बच्चों के अंतर्मुखी प्रतिभा को पहचान कर उसे आगे बढ़ाने का कार्य शिक्षक का: प्रो0 विनिता
गिरिडीह। सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आयोजित त्रिदिवसीय वार्षिक आचार्य कार्यशाला का समापन शनिवार को हुआ। समापन सत्र का उद्घाटन प्रो0 विनीता कुमारी एवं प्रधानाचार्य आनंद कमल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। वहीं अतिथि परिचय एवं विषय की प्रस्तावना अजीत मिश्रा ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो0 विनीता कुमारी ने कहा कि यह कार्यशाला आगामी वर्ष की योजनाओं के निर्माण और उसके क्रियान्वयन हेतु किए जाने वाले प्रयासों की चर्चा- परिचर्चा का है। विद्या भारती के पांच आधारभूत विषयों को लेकर शिक्षण कार्य पूर्ण किया जाए ताकि बच्चे भावी राष्ट्र के निर्माण में सहायक हो। कहा कि बच्चों के अंतर्मुखी प्रतिभा को पहचान कर उसे आगे बढ़ाने का कार्य शिक्षक बखूबी करें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार प्राथमिक शिक्षा बच्चों की मातृभाषा में हो।
प्रधानाचार्य ने बताया कि सभी विभागों की समीक्षा की गई। प्रांतीय कार्य योजना एवं शैक्षिक पंचांग 2024-25 के विषयों पर चर्चा एवं आचार्य को दायित्व सौंपा गया। कहा कि नए सत्र की शुरूआत चार अप्रैल से होगी। कार्याशाला में विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थी।