Nav Bihan
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यूक्रेन का ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’: साहस, दुस्साहस और अस्तित्व की जंग

युक्रेन के ड्रोन अटैक की अनोखी दास्ताँ, जिसने सुपरपावर को भी हिला दिया

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नव बिहान डेस्क : “कभी किसी को इतना भी मत डराओ, कि डर ही खत्म हो जाए…”

मैरी कॉम फिल्म का यह डायलॉग यूक्रेन ने अपनी जंग का बीजमंत्र बना लिया है। तीन साल से रूस के हमलों को झेलता यह गौरवशाली राष्ट्र अब न केवल अपने अस्तित्व की रक्षा कर रहा है, बल्कि दुनिया को दिखा रहा है कि उसके पास अभी भी बाजी बाकी है। रविवार, 1 जून 2025 को यूक्रेन ने रूस के खिलाफ ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’ चलाकर एक ऐसी मिसाल कायम की, जिसे साहस और दुस्साहस के बीच की महीन रेखा पर रखा जा सकता है।

ऑपरेशन स्पाइडर वेब: साहस की नई परिभाषा

“कभी किसी को इतना भी मत डराओ, कि डर ही खत्म हो जाए...”
कभी किसी को इतना भी मत डराओ, कि डर ही खत्म हो जाए

 

यूक्रेनी ड्रोनों ने रूस के साइबेरिया तक दस्तक दी और चार सैन्य हवाई अड्डों पर हमला बोला। यह पिछले तीन साल के युद्ध में यूक्रेन का सबसे बड़ा और लंबी दूरी का हवाई हमला था। यूक्रेनी सुरक्षा सेवा (SBU) के एक सूत्र के अनुसार, इस ऑपरेशन में 41 रूसी फाइटर जेट नष्ट किए गए, जिनका इस्तेमाल यूक्रेनी गांवों पर बमबारी के लिए किया जाता था। इस ऑपरेशन की प्लानिंग और निष्पादन अपने आप में बेमिसाल है। छोटे-छोटे ड्रोनों को मालवाहक ट्रकों में विशेष डिब्बों में छिपाकर रूस में तस्करी की गई, हजारों मील दूर चार अलग-अलग स्थानों पर पहुंचाया गया और फिर दूर से एयरबेस पर लॉन्च किया गया।

यूक्रेन का सन्देश: “आखिरी दम तक लड़ेंगे”

‘यूक्रेन के पास केवल छह महीने बचे हैं’, ‘कोई बाजी नहीं बची’, ‘शांति का एकमात्र रास्ता सरेंडर है’, ‘रूस हार नहीं सकता’—ऐसे तमाम दावों को यूक्रेन ने ठुकरा दिया है। इस ऑपरेशन के जरिए उसने साबित किया कि वह अभी हारा नहीं है। राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने इस हमले को “शानदार” करार देते हुए कहा कि इसमें 117 ड्रोनों का इस्तेमाल हुआ और यह युद्ध के तीन साल में यूक्रेन का सबसे लंबी दूरी का ऑपरेशन था।

इस्तांबुल में शांति वार्ता: एक नया दांव

सोमवार, 2 जून 2025 को यानि आज, रूस और यूक्रेन के अधिकारी तुर्की के इस्तांबुल में 2022 के बाद शांति वार्ता के दूसरे दौर के लिए बैठने वाले हैं। लेकिन युद्ध को खत्म करने का रास्ता अभी धुंधला है। बीबीसी के राजनयिक संवाददाता पॉल एडम्स के मुताबिक, यूक्रेन अब वार्ता की मेज पर एक मजबूत सन्देश के साथ जाएगा: “हम हारे नहीं हैं।” यह सन्देश रूस के लिए है, अमेरिका के लिए है, और दुनिया के लिए है।

साहस या दुस्साहस?

यूक्रेन का यह ऑपरेशन अगर उल्टा भी पड़ता है, तो भी वह इसे स्वीकार करने को तैयार है। जब बात अस्तित्व की हो, तो साहस और दुस्साहस के बीच का फासला मिट जाता है। यूक्रेन ने दिखा दिया कि वह डर को खत्म कर चुका है और आखिरी दम तक लड़ने को तैयार है।

निष्कर्ष

‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’ केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक राष्ट्र के आत्मसम्मान और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। यह दुनिया को याद दिलाता है कि जब कोई देश अपने वजूद की लड़ाई लड़ता है, तो वह असंभव को भी संभव बना सकता है।

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