Nav Bihan
हर खबर पर पैनी नजर

“मेरी आवाज़ दबाई, मेरी ज़िंदगी उजाड़ी”: कोलकाता गैंगरेप पीड़िता की दर्दनाक आपबीती

ऐसी घटना, जिसने न सिर्फ एक युवती की ज़िंदगी को झकझोर दिया, बल्कि समाज की संवेदनशीलता पर भी सवाल खड़े कर दिए

350

नव बिहान डेस्क : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में 25 जून की रात एक ऐसी घटना घटी, जिसने न सिर्फ एक युवती की ज़िंदगी को झकझोर दिया, बल्कि समाज की संवेदनशीलता पर भी सवाल खड़े कर दिए। साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा के साथ हुई गैंगरेप की घटना ने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है। पीड़िता की आपबीती दिल दहला देने वाली है, जो न केवल उसकी पीड़ा को बयां करती है, बल्कि सिस्टम की लाचारी को भी उजागर करती है।

मैंने उनसे मिन्नतें की, लेकिन वे राक्षस बन गए

sawad sansar

पीड़िता की शिकायत के मुताबिक, यह दिल दहलाने वाली घटना 25 जून की शाम 7:30 से 10:50 बजे के बीच कॉलेज कैंपस में हुई। तीन आरोपियों—मोनोजीत मित्रा (31), जैब अहमद (19), और प्रमित मुखर्जी (20)—ने न केवल उसकी अस्मिता को तार-तार किया, बल्कि उसे ब्लैकमेल कर उसकी आवाज़ को दबाने की कोशिश की। मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा, जो कॉलेज का पूर्व छात्र और तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (TMCP) का यूनिट अध्यक्ष है, ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया।

मैंने कहा, मैं अपने बॉयफ्रेंड से प्यार करती हूँ, मुझे छोड़ दो

मैंने उनसे मिन्नतें की, लेकिन वे राक्षस बन गए
मैंने उनसे मिन्नतें की, लेकिन वे राक्षस बन गए

 

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया, “मैंने उनसे बार-बार गुहार लगाई। मैंने कहा कि मैं रिलेशनशिप में हूँ, अपने बॉयफ्रेंड से प्यार करती हूँ, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। मुझे घबराहट का दौरा पड़ रहा था, साँस लेने में तकलीफ हो रही थी। मैंने उनसे अस्पताल ले जाने की विनती की, लेकिन वे नहीं माने।” पीड़िता के बयान में दर्द साफ झलकता है। उसने बताया, “कॉलेज का मेन गेट बंद कर दिया गया था। गार्ड खड़ा देखता रहा, लेकिन उसने मेरी कोई मदद नहीं की।”

“मेरे कपड़े उतारे, वीडियो बनाया, धमकियाँ दीं”

पीड़िता की आपबीती रोंगटे खड़े कर देने वाली है। उसने बताया, “वे मुझे जबरदस्ती गार्ड रूम में ले गए। मेरे कपड़े उतारे और मेरे साथ बलात्कार किया। उन्होंने मेरा वीडियो बनाया और धमकी दी कि अगर मैंने विरोध किया तो इसे सबको दिखा देंगे। मैंने उनके पैर छुए, मिन्नतें की, लेकिन वे नहीं पसीजे। उन्होंने मुझे हॉकी स्टिक से मारने की कोशिश की और मेरे दोस्त और माता-पिता को नुकसान पहुँचाने की धमकी दी।”

पुलिस के शिकंजे में तीनों आरोपी

मुख्य आरोपी मोनोजीत मित्रा
मुख्य आरोपी मोनोजीत मित्रा और लॉ कॉलेज 

 

घटना के बाद पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। अलीपुर कोर्ट में पेशी के बाद कोर्ट ने उन्हें अगले मंगलवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने 14 दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने फिलहाल मंगलवार तक की अनुमति दी।

“मुझे इंसाफ चाहिए”

पीड़िता की यह माँग सिर्फ उसकी नहीं, बल्कि हर उस इंसान की आवाज़ है जो अन्याय के खिलाफ लड़ रहा है। उसकी हिम्मत और साहस समाज के लिए एक मिसाल है। वह कहती है, “मुझे इंसाफ चाहिए। मैं चाहती हूँ कि कोई और लड़की इस दर्द से न गुजरे।”

सवाल जो बेचैन करते हैं

यह घटना कई सवाल खड़े करती है। आखिर एक शैक्षणिक संस्थान में ऐसी वारदात कैसे हो सकती है? कॉलेज प्रशासन और गार्ड की चुप्पी क्या सिस्टम की नाकामी को नहीं दर्शाती? क्या यह समाज के उस चेहरे को उजागर नहीं करता, जहाँ शक्ति और सत्ता का दुरुपयोग कमज़ोरों को कुचलने के लिए किया जाता है?

आवाज़ जो दब नहीं सकती

पीड़िता की यह कहानी सिर्फ उसकी नहीं, बल्कि उन तमाम लड़कियों की है जो हर दिन डर और असुरक्षा के साये में जीती हैं। उसकी हिम्मत और इंसाफ की माँग समाज को एक नई दिशा दिखाने का काम कर रही है। अब सवाल यह है कि क्या हमारा समाज और सिस्टम उसकी इस पुकार को सुन पाएगा? क्या उसे इंसाफ मिलेगा, या यह एक और कहानी बनकर रह जाएगी?

Comments are closed.