भाकपा माले ने मनाया हूल दिवस, आदिवासी शौर्य और संघर्ष की विरासत को किया नमन


गिरिडीह। गिरिडीह माले ऑफिस और मुफ्फसिल कोलिमारंग में सोमवार को भाकपा माले के द्वारा हूल दिवस मनाते हुए हूल क्रांति के शहीदों को श्रद्धांजली दी।
मौके पर भाकपा माले के नेता राजेश सिन्हा व कन्हाई पांडेय ने कहा कि हूल दिवस हमें 1855 के उस ऐतिहासिक जनविद्रोह की याद दिलाता है, जब सिदो-कान्हू और उनके वीर साथियों ने ब्रिटिश हुकूमत और ज़मींदारी शोषण के खिलाफ झंडा बुलंद किया था। यह दिवस सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि आज के दौर में भी अन्याय, शोषण और दमन के खिलाफ संघर्ष की प्रेरणा देता है।

कहा कि भाकपा (माले) हूल दिवस पर आदिवासी समाज के साहस, बलिदान और स्वाभिमान को नमन करती है। आज भी देश के कोने-कोने में जल-जंगल-जमीन की लूट, विस्थापन, कॉर्पाेरेट कंपनियों की लूट और आदिवासी अधिकारों का हनन जारी है। ऐसे में सिदो-कान्हू का रास्ता ही हमें न्याय और बराबरी की दिशा दिखा सकता है।
मौके पर पार्टी के निशांन्त भास्कर, मसूदन, भीम, लखन तबारक, कन्हैया सिंह, मुर्तुजा, नासिर, इमामुद्दीन, वारीस, सलीम, समसूल सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

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