पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ चार दिवसीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ
लोगों ने नशा छोड़कर नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जप करने का लिया संकल्प
गिरिडीह। अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा जमुआ के बरोटांड दुम्मा में आयोजित चार दिवसीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति शुक्रवार को दी गई। 24 कुंडीय यज्ञशाला में बरोटांड, दुम्मा एवं आसपास के दर्जनों गांव के लोगों ने शामिल होकर मनुष्य मात्र के उज्जवल भविष्य के लिए यज्ञ भगवान को आहुतियां प्रदान की। साथ ही अपने-अपने घरों से नशा रूपी राक्षस को भगा कर वेद मंत्र गायत्री का नियमीत रूप से जप करने का संकल्प लिया। इस दौरान लोगों ने तंबाकू, गुटका एवं शराब छोड़ने का संकल्प लेते हुए कहा कि इसमें होने वाले धन की बर्बादी को रोक कर उस धन से अपने बच्चों के शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर खर्च करेंगे।
इस अवसर पर 1008 दीपकों को प्रज्वलित कर वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य लिखित 3200 पुस्तकों को घर-घर तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया। मौके पर शांतिकुंज प्रतिनिधि राम तपस्या आचार्य जी ने कहा कि इस राष्ट्र को जीवंत और जागृत बनाने के लिए पूरे भारतवर्ष में गायत्री महायज्ञों की श्रृंखला चलाई जा रही है।
महायज्ञ में 200 बच्चों का विद्यारंभ संस्कार, 100 बच्चों का मुंडन संस्कार, 20 बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार संपन्न कराया गया। साथ ही 90 लोगों ने वेदमंत्र गायत्री की दीक्षा ग्रहण कर मनुष्य मात्र के उज्जवल भविष्य एवं कल्याण के लिए नियमित तीन माला गायत्री महामंत्र जप का संकल्प लिया। महायज्ञ को सफल बनाने में कामेश्वर सिंह, अजय वर्मा, विष्णु नारायण वर्मा, परमेश्वर प्रसाद, किशोरी शर्मा, किशुन महतो, कृष्णा साव, सुरेश यादव, राजकुमार वर्मा, बलदेव महतो, बासुदेव महतो, संगीता साहू, रेनू साव, अंजना वर्मा, नीलम लोहानी, लता सिंह, नेहा साव, कंचन देवी, लीलावती तरवे सहित गायत्री परिवार एवं गांव के लोगों का सराहनीय योगदान रहा।