नगर निगम कैंपस के 22 दुकानदारों को कोर्ट से मिली राहत, हाईकोर्ट ने नगर निगम के आदेश पर लगाया स्टे


गिरिडीह। नगर निगम द्वारा पुराने निगम परिसर स्थित 22 दुकानदारों को तत्काल दुकान खाली करने के आदेश पर झारखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए स्थगन आदेश (स्टे) जारी किया गया है। अदालत ने अगले आदेश तक 24 सितम्बर तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है।
बुधवार को दुकानदारों ने स्टे की कॉपी के साथ प्रेसवार्ता कर बताया कि उनकी ओर से अधिवक्ता सुजीत कुमार सिंह ने पक्ष रखते हुए अदालत का ध्यान इस ओर दिलाया कि नगर निगम ने पूर्व में अदालत को दो बार झूठा शपथ पत्र (एफिडेविट) सौंपा था। निगम की ओर से यह दावा किया गया था कि नया निगम भवन पुराने टावर चौक स्थित परिसर में ही बनाया जाएगा। लेकिन वास्तविकता यह रही की नया भवन अन्यत्र बना दिया गया। विदित हो कि उक्त मामले पर 26 अगस्त को हुई सुनवाई में अधिवक्ता सुजीत कुमार सिंह ने बहस की, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने यह फैसला सुनाया।


अधिवक्ता श्री सिंह ने अदालत के समक्ष दलील देते हुए कहा था कि जब नया निगम भवन अन्यत्र ही बनना था, तो फिर पुराने भवन को “जर्जर” घोषित किए बिना क्यों तोड़ा गया, जबकि वह अच्छी स्थिति में था। उन्होंने कहा कि निगम ने अदालत को गुमराह किया और सिंगल बेंच व डबल बेंच दोनों का कीमती समय बर्बाद किया। अधिवक्ता के इन सभी तर्कों को सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने 22 दुकानदारों को बड़ी राहत देते हुए नगर निगम के खाली कराने के आदेश पर रोक लगा दी। अब दुकानदारों की मांग है कि अगर भविष्य में पुराने निगम कैंपस परिसर में किसी भी प्रकार का नया निर्माण कार्य या प्रोजेक्ट शुरू किया जाता है, तो उनकी आजीविका को ध्यान में रखते हुए उन्हें उसी स्थान पर दुकानें आवंटित की जाएं।

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