ट्रेड यूनियन, किसान महासभा व माले विभिनन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, मुख्यमंत्री के नाम सोंपा ज्ञापन
माले नेताओं ने कहा केंद्र सरकार का चार लेबर कोड गरीब विरोधी, जारी रहेगा विरोध

गिरिडीह। केंद्र सरकार के चार लेबर कोड बिल को रद्द करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर ट्रेड यूनियन, अखिल भारतीय किसान महासभा, माले के द्वारा बुधवार को समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया। इस दौरान माले नेताओं व कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान दस सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल उपायुक्त की अनुपस्थिति में उपविकास आयुक्त स्मृता कुमारी से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के नाम आठ सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सोंपा।



इसके पूर्व माले के जिला कार्यकाल पपरवाटांड़ में सभा किसान महासभा के पूरन महतो की अध्यक्षता में सभा का आयोजन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए जिला सचिव अशोक पासवान, विजय सिंह, मुस्तकीम अंसारी, जयनारायण यादव, अजीत राय, रामकिशन यादव, अरुण वर्मा, शंकर पांडेय, रामलाल मुर्मू, कन्हाई पांडेय, राजेश सिन्हा, मसूदन कोल सहित अन्य माले नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार गरीब विरोधी है, इससे सामना कोई पार्टी नहीं सिर्फ लाल झंडा ही कर सकता है। कहा कि केन्द्र सरकार के मजदूरा विरोधी नीतियों के खिलाफ राज्य सरकार भी विरोध करें और राज्य स्तर पर एक बेहतर माहौल बनाए।
ये है मांग
किसानों के फसल का एमएसपी की कानूनी गारंटी करने, सभी पंचायतों में शीघ्र धान क्रय केंद्र खोलने तथा दो हजार चार सौ रुपए नगद भुगतान की गारंटी देने, मजदूर विरोधी 4 लेबरकोड रद्द करने, वन भूमि पर निवास करने वाले गरीबों भूमिहीनो आदिवासियों को वनाधिकार कानून 2006 के तहत वन पट्टा देने की गारंटी, मनरेगा मजदूरों को साल में 200 दिन काम और 600 रूपए दैनिक मजदूरी की गारंटी, गिरिडीह के लौह फैक्ट्री के जहरिले धूंआ से नष्ट हो रहे किसानों के फसल और आम नागरिकों स्वास्थ्य की रक्षा करने की गारंटी, जमुआ प्रखंड के ग्राम दलिया में आबादी के बीच पत्थर खदान है,उसको जांच कर तत्काल रद्द करने सहित अन्य मांगे शामिल है।
