“टांय-टांय” फिस्स हुआ पंचायत भवन में लगा दाखिल खारिज का शिविर, जानकारी के अभाव में नहीं पहुंचे रैयत, बैरंग लौटे कर्मचारी
प्रचार-प्रसार के बिना मईया सम्मान योजना के लिए लगे शिविर में अचानक अंचलकर्मियों ने मारी एंट्री, लोगों ने जताया विरोध तो लौटे वापस
निशांत बरनवाल
तिसरी/गिरिडीह : तिसरी प्रखंड के बेलवाना पंचायत भवन में शनिवार को खतियान रैयत के उतराधिकारी बंटवारा एवम आपसी बंटवारा के आधार पर दाखिल खारिज करने हेतु हलकावार विशेष राजस्व शिविर लगाया गया। किंतु इस शिविर का न तो पूर्व में कोई प्रचार प्रसार कराया गया और ना ही इसकी जानकारी स्थानीय मुखिया को दी गई। जिस कारण शिविर में रैयतदार नहीं पहुंचे और अंचल के कर्मियों को खाली हाथ लौटना पड़ा। इस शिविर को स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने खानापूर्ति बताया है।
बता दें, अपर समाहर्ता ने विगत सात अगस्त को ही एक पत्र जारी कर तिसरी अंचल अधिकारी को सभी हल्का में विशेष शिविर लगा कर खतियानी रैयत के उत्तराधिकारी, बंटवारा एवं आपसी बंटवारा के आधार पर दाखिल खारिज करने का निर्देश दिया था। इसी के आलोक में शनिवार को कथित तौर पर बेलवाना पंचायत भवन में दाखिल खारिज शिविर लगाया गया। कथित तौर पर इसलिए, क्योंकि ना तो इस शिविर का कोई प्रचार-प्रसार किया गया, ना ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इसकी कोई जानकारी दी गई और ना ही इस अति महत्वपूर्ण शिविर के लिए अलग से कोई व्यवस्था की गई. अलबत्ता, महज खानापूर्ति के लिए और सरकारी रिकॉर्ड में एंट्री के लिए कुछ अंचलकर्मी बेलवाना पंचायत भवन में पहले से ही जारी मईया सम्मान योजना के शिविर में अचानक प्रकट हुए और लोगों को बताने लगे कि यहाँ विशेष राजस्व शिविर भी लगाया गया है.
मुख्यमंत्री मईया सम्मान पेंशन योजना के शिविर में दाखिल खारिज शिविर लगता देख अचंभित हुए जनप्रतिनिधि
बताते चलें कि बेलवाना पंचायत भवन में पूर्व से लगे मुख्यमंत्री मईया सम्मान पेंशन योजना के शिविर में रैयत खतियान के उतराधिकारी बंटवारा के आधार पर दाखिल खारिज शिविर लगाने अंचल के कर्मचारी जितेंद्र कुमार और अमीन बिनोद कुमार पहुंचे, तो पहले से मौजूद मुखिया पति मो फारूक और वहां उपस्थित सभी लोग अचंभित हो गए। इसके बाद मुखिया पति ने सीओ से बात की, जिसके बाद सीओ भी पंचायत भवन पहुंचे, और मुखिया पति मो फारूक से बातचीत के बाद कुछ देर में वापस भी लौट गए।
बिना जानकारी दिए शिविर लगाना गलत है : उमर फारुख
इस संबंध में जानकारी देते हुए बेलवाना पंचायत के मुखिया पति मो फारूक ने कहा कि इस शिविर की जानकारी जब बेलवाना पंचायत के मुखिया को ही नही दी गई तो आम जनता को इसकी क्या जानकारी होगी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना के शिविर में अचानक अंचल के अधिकारी और कर्मी पहुंचे और सभी को शिविर की जानकारी देने लगे। किंतु जब पंचायत के एक भी व्यक्ति को इसकी जानकारी नहीं थी तो रैयत कहां से पहुंचते।
साथ ही उन्होंने बताया कि बेलवाना पंचायत में काफी संख्या में रैयतदार है। यदि समय पर अंचल विभाग द्वारा शिविर का व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाता या फिर उन्हें जानकारी मिलती तो ज़रूरतमंद लोग जरूर शिविर में पहुंचते। बिना सूचना और प्रचार के शिविर लगाने से आम जनों को कोई लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि अभी खेती का भी समय है, लोग खेतों में धान रोपनी में व्यस्त हैं, एक दो दिनों पहले सूचना मिलने पर ही लोग इसका फायदा ले सकेंगे।
दाखिल खारिज शिविर की कोई जानकारी नहीं है : मो नईम
पंचायत समिति सदस्य पति मो नईम ने कहा कि शिविर की जानकारी नहीं है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जब पंचायत के प्रतिनिधि को इसकी जानकारी नही मिलती है तो आम लोगों को क्या पता रहेगा। इस तरह का शिविर लगाना विभाग की ओर से खाना पूर्ति करना है।
ऑफिस आइएगा तो बता देंगे सूचना दी गई थी या नहीं : अंचलाधिकारी
इस संबंध में जब फोन के माध्यम से सीओ अखिलेश्वर प्रसाद से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि शनिवार को बेलवाना पंचायत भवन में शिविर लगाया गया है और अगले बारह अगस्त को लोकाय पंचायत सहित सभी पंचायतों में निर्धारित तिथि के अनुसार दाखिल खारिज विशेष शिविर लगाया जाएगा। लोगों को कैंप की सूचना दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऑफिस आइएगा तो बता देंगे सूचना हुई थी या नहीं। जबकि ये पूछे जाने पर कि बेलवाना के शिविर में कितना फॉर्म जमा हुआ है, उन्होंने कहा कि कर्मचारी द्वारा रिपोर्ट नहीं दी गई है।
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