झारखंड पुलिस के आत्म समर्पण नीति नई दिशा नई पहल से नक्सलियों को मिला प्रोत्साहन
10 लाख के इनामी नक्सली राम दयाल महतो ने डीआईजी के समक्ष किया आत्मसमर्पण, पुलिस विभाग ने दिया 10 लाख का चेक व घर बनाने के लिए जमीन


गिरिडीह। झारखंड पुलिस के द्वारा नक्सलियों के लिए आत्म समर्पण नीति नई दिशा नई पहल की शुरूआत की गई है। जिससे प्रेरित होकर दस लाख के इनामी नक्सली और नक्सली संगठन के जोनल कमिटी के 70 वर्षीय सदस्य राम दयाल महतो उर्फ बच्चन दा उर्फ नीलेश दा उर्फ अमर दा ने गिरिडीह में डीआईजी सुनील भास्कर और एसपी डॉक्टर विमल कुमार के समक्ष आत्म समर्पण कर दिया। न्यू पुलिस लाइन के मीटिंग हाल में एक बड़े कार्यक्रम में पीरटांड़ थाना इलाके के पिपराडीह गांव के इस इनामी नक्सली रामदयाल महतो ने आत्मसमर्पण किया। इस दौरान डीआईजी और एसपी के साथ सीआरपीएफ कमांडेंट डीएस भाटी और एसएसबी कमांडेंट संजीव कुमार, एसडीपीओ सुमित प्रसाद, डीएसपी कोसर अली ने आत्मसमर्पण करने वाले इनामी नक्सली रामदयाल को माला पहना स्वागत किया और दस लाख का चेक देकर मुख्यधारा से जुड़ने पर स्वागत किया। पुलिस ने रामदयाल महतो को घर बनाने के लिए चार डिसमिल जमीन के साथ 50 हजार का नगद राशि भी दी।
इस दौरान पुलिस लाईन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डीआईजी सुनील भास्कर और एसपी डॉक्टर विमल कुमार ने बताया की जोनल कमिटी का सदस्य रामदयाल महतो के खिलाफ धनबाद के तोपचांची, बरवाअड्डा के साथ गिरिडीह के पीरटांड़, डुमरी, मधुबन थाना में 50 से अधिक नक्सली घटनाओं के केस दर्ज है। ऐसे में इस इनामी नक्सली के आत्मसमर्पण के बाद पीरटांड़ और गिरिडीह के सीमावर्ती इलाकों में नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है। कहा कि नक्सली अब बंदूक उठाते उठाते थक चुके है। वो जानते है उनकी जान को बेहद अधिक खतरा है। ऐसे में नक्सली अब मुख्यधारा से जुड़ रहे है। उन्होंने सभी नक्सलियों से कहा कि अब वे मुख्यधारा से जुड़कर आत्मसमर्पण कर दें। आत्मसर्पण नही करने पर उन्हें पुलिस की गोली या बचे तो जेल की सजा काटनी होगी।
वहीं सरेंडर के बाद इस इनामी नक्सली रामदयाल महतो ने स्वीकारा की अब नक्सली संगठन का विचार बदल चुका है। वो पहले ही आत्म समर्पण करने वाले थे, लेकिन उस वक्त तक इलाके में नक्सलियों का खौफ और भय था। जिसके कारण वो हिम्मत नहीं जुटा पाए। बताते चलें की 50 नक्सली केस में रामदयाल महतो के खिलाफ 2022 में डुमरी थाना तालियाबहार में उप मुखिया असलम अंसारी को पुलिस मुखबिर बताकर हत्या करना के साथ कई बड़े नक्सली विस्फोट कर सरकारी भवनों को उड़ाना शामिल हैं।

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