झारखंड अलग राज्य के आन्दोलनकारी शहीद निर्मल महतो की मनाई गई 37वीं पुण्यथिति
झामुमो जिला कार्यालय में हुआ कार्यक्रम, विधायक सहित अन्य लोगों ने दी श्रद्धांजलि
गिरिडीह : झारखण्ड अलग राज्य के आन्दोलनकारी और झामुमो के प्रखर नेता स्व निर्मल महतो की 37वीं पुण्यतिथि झामुमो के जिला कार्यालय में मनाई गई. कार्यक्रम में गिरिडीह सदर के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह सहित कई लोग उपस्थित हुए।
सर्वप्रथम विधायक सुदिव्य सोनू, झामुमो ज़िलाध्यक्ष संजय सिंह सहित वहाँ मौजूद सभी लोगों ने निर्मल महतो के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर बोलते हुए विधायक सुदिव्य सोनू ने कहा कि निर्मल दा ने दिसोम गुरु शिबू सोरेन के साथ मिलकर झारखंड अलग राज्य के लिए कई आंदोलन किए थे।
निर्मल महतो 8 सितम्बर 1980 में पश्चिमी सिंहभूम जिला के बड गांव में आदिम जनजाति आंदोलन के अग्रणी आंदोलनकारी नेता थे। इस आन्दोलन में गोली कांड हुआ, जिसमे हजार से अधिक लोगों ने अपनी बलिदान दे दिया। निर्मल महतो ने शोषण के विरुद्ध एवं गरीबों, मजदूरों, किसानों के हक के लिए आवाज उठायी और जमीनी स्तर पर युवाओं को जोड़ने का काम किया। इनके शहादत के पश्चात् ही झारखंड अलग राज्य के आंदोलन ने ज़ोर पकड़ी।
जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि सूदखोरों के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले निर्मल महतो ने झारखंड अलग राज्य के लिए चलाये गये आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। झारखण्ड के दिशोम गुरु शिबू सोरेन इनके आक्रामक छवि से काफी प्रभावित थे। निर्मल महतो ने झारखंड के लिए आंदोलन के साथ ही सूदखोरों के खिलाफ भी आंदोलन किया था। झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने इनकी आंदोलनकारी छवि को देखते हुए, उनको 1980 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में शामिल किया। निर्मल महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा के दो बार अध्यक्ष भी चुने गए।
इस कार्यक्रम में अजीत कुमार पप्पू, गीता हाजरा, प्रमीला मेहरा, रोकी सिंह, अभय सिंह, मो॰ तूफ़ान, मो० चाँद, छक्कू साव, तेजलाल मण्डल, फ़रदीन इम्तियाज़ अहमद, मो० हारून रसीद सहित कई लोग उपस्थित थे।
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