चैताडीह स्थित मातृत्व सदर अस्पताल की नही सुधर रही स्थिति, चिकित्सकों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे है मरीज
ऑपरेशन के आठ दिन बाद प्रसुता को चिकित्सक कर रहे रेफर, परिजनों ने किया हंगामा


गिरिडीह। भले ही सरकार के द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के बड़े बड़े दावे किये जा तहे हो, लेकिन धरातल पर सच्चाई सरकारी दावों से बिल्कुल ही इतर है। गिरिडीह सदर अस्पताल हो या चैताडीह स्थित मातृत्व सदर अस्पताल हो आए दिन चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का खामियाजा मरीजों व उनके परिजनों को उठाना पड़ता है। कुद ऐसा ही मामला शनिवार को एक बार फिर चैताडीह स्थित मातृत्व सदर अस्पताल में देखने को मिला। जिसके कारण परिजनों ने जमकर हंगामा किया और परिजनों ने चिकित्सक एवं कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
जानकारी देते हुए बगोदर प्रखंड के तारानारी निवासी हुलास विश्वकर्मा ने बताया कि 8 दिन पूर्व यहां ऑपरेशन के माध्यम से उनकी बहन का प्रसव हुआ था। इसके बाद से वह अभी तक यहां एडमिट है। स्थिति यह हो गई है कि उनकी बहन का ऑपरेशन पक गया है और पस का बहाव हो रहा है। यहां के चिकित्सकों द्वारा उन्हें कोई जानकारी नही दी गई और जब स्थिति गंभीर हो गई तो उन्हें रेफर करने के लिए कहा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ऑपरेशन के नाम पर उनसे पांच हजार रुपए भी लिए गए थे।


वहीं प्रसूता की मां सहित दूसरे प्रसूता के परिजन ने भी बताया कि उनकी बेटी के साथ भी ऐसा ही हुआ है। ऑपरेशन के बाद चिकित्सक की लापरवाही से ऑपरेशन पक चुका है। यहां के किसी भी कर्मी को वह लोग प्रसूता की समस्या बताते हैं तो कोई उनकी बात को नहीं सुनता है। उन्होंने चिकित्सक और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

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