Nav Bihan
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गिरिडीह अंचलाधिकारी से दुर्व्यवहार मामले में झामुमो नेता इरशाद अहमद वारिस की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

डीसी के निर्देश पर विवादित ज़मीन की मापी करने पहुंचे सीओ, शुरू हुई कारवाई, जांच में जुटे अधिकारी

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गिरिडीह : जमीन के एक मामले को लेकर झामुमो नेता सह जमीन कारोबारी इरशाद अहमद वारिस द्वारा किए गिरिडीह अंचलाधिकारी से कथित दुर्व्यवहार का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। इस घटना के दुसरे दिन गिरिडीह सीओ मोहम्मद असलम एक्शन मोड में आ गए हैं। वे विशनपुर मौजा स्थित विवादित जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने में जुट गए हैं। करोड़ों रुपए के 69 एकड़ सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सोमवार को सीओ मोहम्मद असलम टीम के साथ पहुंचे और जमीन की मापी शुरू कर दी।

इधर रविवार को सीओ के साथ उनके आवास पर जमीन कारोबारी द्वारा किए गए दुर्व्यवहार मामले को गंभीरता से लेते हुए डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने जमीन कारोबारी सह झामुमो नेता इरशाद अहमद वारिस के खिलाफ जांच कर केस दर्ज कराने का निर्देश दिया है। सीओ मोहम्मद असलम ने डीसी के निर्देश पर रविवार की देर शाम ही मुफ्फसिल थाना में आवेदन दिया था। जिसके आधार पर करवाई शुरू हो गई है। वहीं दूसरी तरफ झामुमो नेता सह जमीन कारोबारी इरशाद अहमद वारिश ने भी सीओ के खिलाफ मुफ्फसिल थाना में आवेदन दिया है।

मैं किसी के दबाव में आने वाला नहीं : सीओ 

सदर अंचल के बिशनपुर मौजा के खाता नंबर 34 के प्लॉट नंबर 648 और 649 में कुल 34 और 35 एकड़ जमीन की मापी करने पहुंचे सीओ मोहम्मद असलम ने रविवार को हुए प्रकरण को लेकर कहा कि उन्हें जो आवेदन देना था, वो दे चुके हैं। अब पुलिस जांच कर मामले की कारवाई में जुट गई है। उन्होंने कहा कि झामुमो  नेता ने उनके साथ जो किया है वह पूरी तरह से गलत है और वे किसी के दबाव में आने वाले नहीं हैं।

झामुमो नेता ने भी थाने में दिया आवेदन, सीओ पर लगाए गंभीर आरोप  

इधर जमीन कारोबारी सह झामुमो नेता इरशाद अहमद वारिश ने इस मामले में पत्रकारों से फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार किया है। हालांकि इस मामले में उन्होंने भी गिरिडीह के सीओ मो असलम पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अपने आवेदन में उन्होंने सीओ पर घूस मांगने, मार पीट करने, सोने की चेन छीन लेने सहित कई आरोप लगाए हैं। सूत्रों की मानें तो शायद इस घटना ने उनके आकाओं को भी परेशान और उनसे नाराज़ कर दिया है.

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