कोडरमा से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में हैं जयप्रकाश वर्मा, लामबंदी जारी
कोडरमा में जेएमएम ही दे सकता है भाजपा को जोरदार टक्कर : सुदिव्य सोनू
आलोक रंजन
गिरिडीह : कोडरमा लोकसभा सीट पर चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है. भाजपा ने तो यहाँ अन्नपूर्णा देवी को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है, पर इंडी गठबंधन अभी भी पसोपेश में है. हालाँकि गठबंधन के तहत कोडरमा सीट का भाकपा माले के खाते में जाना लगभग तय है और विनोद सिंह संभावित प्रत्याशी भी हैं, पर इस बात की अब तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है और ऐसे में झामुमो इस सीट पर अपना दावा बनाए हुए है. इस सीट पर झामुमो की ओर से पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा की मज़बूत दावेदारी है और इसे लेकर पार्टी स्तर पर लगातार बैठकों का दौर जारी है. झामुमो का दावा है कि इस सीट पर जयप्रकाश वर्मा को उम्मीदवार बनाया जाना अधिक फायदे का सौदा है और इससे गठबंधन को ही मजबूती मिलेगी.
टिकट नहीं मिला तो कार्यकर्ताओं से करेंगे बात, तभी होगा फैसला : जयप्रकाश
प्रो जयप्रकाश वर्मा सोशल मीडिया में कल्पना सोरेन के साथ बैठक की तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं. सवाल पूछे जाने पर जयप्रकाश वर्मा कहते हैं कि अभी कोडरमा को लेकर कई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है. कोडरमा से झामुमो का दावा ही मज़बूत है और पार्टी से टिकट मिला तो निश्चित चुनाव लडेंगे. ये पूछे जाने पर कि अगर ये सीट माले के खाते में गई तो उनका अगला कदम क्या होगा, श्री वर्मा ने कहा कि ऐसे हालात में क्षेत्र के लोगों और कार्यकर्ताओं ने विचार – विमर्श के बाद ही फैसला लिया जाएगा. आपको बता दें कि जयप्रकाश सांसद बनने की चाहत के साथ ही भाजपा को छोड़ कर झामुमो में शामिल हुए थे. अब अगर कोडरमा सीट झामुमो के खाते में नहीं आई तो फिर प्रोफेसर साहब कोई अप्रत्याशित फैसला भी ले सकते हैं.
गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और राज्यसभा सांसद डॉ सरफ़राज़ अहमद जयप्रकाश वर्मा की उम्मीदवारी को लेकर लामबंदी में जुटे हैं. कल्पना सोरेन के साथ – साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकों और चर्चाओं का दौर जारी है. कोडरमा सीट को लेकर गिरिडीह विधायक सुदिव्य सोनू भी मानते हैं कि इस सीट पर झामुमो की ही दावेदारी मज़बूत है. बात – चीत के दरम्यान उन्होंने कहा कि यहाँ उनकी पार्टी, यानि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ही भाजपा को टक्कर दे सकती है. हालांकि उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हरेक स्तर पर मंथन का दौर जारी है, पार्टी आलाकमान ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है. जो भी फैसला होगा वो गठबंधन के हित के साथ – साथ देशहित में भी होगा.
बहरहाल, कोडरमा को लेकर सस्पेंस बरकरार है, इंडी गठबंधन में तना-तनी भी है. सीट किसके खाते में जाएगी, इसका खुलासा होते ही पेंच सुलझेगा या और उलझेगा, ये तो वक्त ही बतायेगा, पर टिकट नहीं मिलने पर प्रोफेसर साहब कोई चौंकाने वाला फैसला भी ले सकते हैं.