एसएसभीएम में हुआ विद्वत परिषद की गोष्ठी का आयोजन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को वक्ताओं ने बताया आत्मनिर्भर भारत की शिक्षानीति
गिरिडीह। सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में शुक्रवार को विद्या भारती के छह आयामों में एक विद्वत परिषद की गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें परिषद के अध्यक्ष मुकेश कुमार शर्मा, आरती वर्मा, पुष्पा सिन्हा एवं प्रधानाचार्य आनंद कमल सहित अन्य अतिथि शामिल हुए और संयुक्त रूप से दीप जलाकर व पुष्प अर्पित कर गोष्ठी का उद्घाटन किया। मौके पर परिचय प्रमुख अशोक कुमार ओझा ने जहां अतिथियों का परिचय कराया। वहीं विषय प्रवेश का संचालन प्रदीप कुमार सिन्हा ने किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रवीण कुमार सिन्हा ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा को ज्यादा समावेशी, प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण बनाया गया है। वहीं प्रो0 आरती वर्मा ने कहा कि इसमें सिर्फ पढ़ाई के जरिए ज्ञान हासिल करना नहीं बल्कि कला, संगीत, कौशल विकास और नैतिक शिक्षा को व्यापक बनाने पर जोर दिया गया है। प्रो0 पुष्पा सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 आत्मनिर्भर भारत की है। माँ और मनोबल दो ऐसी शक्ति है जो लोगों को हर मुसीबत से मुकाबला करने की प्रेरणा देती है। सुशील ओझा ने कहा कि इस शिक्षा नीति में मातृभाषा पर जोर दिया गया है। मातृभाषा यानी अपनी भाषा में शिक्षा ग्रहण करना है। इसमें समावेशी शिक्षा पर जोर दिया गया है। भयमुक्त वातावरण में बच्चों को शिक्षा देना इसका उद्देश्य है। अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश के युवाओं का दशा और दिशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
बैठक में समिति उपाध्यक्ष सतीश्वर प्रसाद सिन्हा, डॉ शशिभूषण प्रसाद, जयनंदन सिंह, अजीत मिश्रा, हरिशंकर तिवारी, राजेन्द्र लाल बरनवाल, शुभेन्दु चंदन सहित अन्य बुद्धिजिवी उपस्थित थे।
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