आस्था दलित महिला संघ ने समारोहपूर्वक मनाई माता सावित्री बाई फूले की जयंती
रैली निकालकर शहर का किया भ्रमण, डॉ अंबेदकर की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण अतिथियों ने कहा सावित्री बाई ने की थी महिलाओं के बीच शिक्षा का अलख जगाने का काम
गिरिडीह। आस्था दलित महिला संघ के द्वारा शुक्रवार को माता सावित्री बाई फूले की जयंती भव्य रूप से मनाई गई। इस मौके पर संघ के द्वारा शहर के ऑफिसर्स कॉलोनी स्थित अंबेदकर भवन से रैली निकाली गई। जिसमें काफी संख्या में महिलाएं शामिल हुई और शहर के हुट्टी बाजार, बड़ा चौक, मुस्लिम बाजार, मौलाना आजाद चौक, काली बाड़ी, मकतपर, टॉवर चौक सहित शहर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण करते हुए अंबेदकर भवन पहुंचकर समाप्त हुई। इस दौरान अंबेदकर भवन में आयेाजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित आरके महिला कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल मद्युश्री सन्याल, विशिष्ट अतिथि डीडीसी स्मृता कुमारी,, प्रोफेसर पुष्पा सिंहा, अधिवक्ता सुनीता कुमारी, आस्था दलित संघ की अध्यक्षा प्रमिला मेहरा, जिला परिषद सदस्य मुन्नी देवी, पूर्व जिला परिषद सदस्य गीता हजरा, मुखिया आशा देवी सहित अन्य अतिथि ने माता सावित्री बाई फूले और डॉ भीमराव अंबेदकर की प्रतिमा व तस्वीर पर माल्यार्पण कर नमन किया। इस क्रम में संघ की पदाधिकारियों द्वारा अतिथियों के साथ साथ समाज के प्रबुद्ध समाजसेवी उमा चरण दास को भी शॉल व पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अतिथियों ने कहा कि महिलाओं को शिक्षित होना बहुत ही जरूरी है जब किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं थी और न ही महिलाओं को कोई अधिकार था उस समय सावित्री बाई ने शिक्षा का अलख जगाने का काम किया। उन्होंने बालिका शिक्षा के साथ-साथ समाज के विभिन्न कुरीतियों को लेकर आवाज उठाने का काम किया और महिलाओं को हक व अधिकार दिलाने का काम की थी। सभी महिलाओं को सावित्रीबाई फूले से प्रेरणा लेने की जरूरत है और सभी को शिक्षा के प्रति विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
कहा कि माता सावित्री बाई फूले नारी शिक्षा के प्रेरक व नारी मुक्ति दाता के रूप में जानी जाती है क्योंकि जब समाज में महिलाओं को किसी भी तरह का अधिकार नहीं था पढ़ने का भी अधिकार नहीं था उस समय सावित्री बाई फूले ने खुद अपनी भी पढ़ाई की और पढ़ते हुए समाज के उत्थान के लिए कई कार्य किए। कहा कि वर्तमान समय में सारी व्यवस्था हम लोगों के पास है किसी भी तरह से पढ़ने लिखने की समस्या नहीं है। ऐसे में हर महिलाओं को जागरूक होने की जरूरत है। हर घर में बेटियां पढे इसके लिए महिलाओं को ही विशेष ध्यान देने की जरूरत है। तभी हम समाज में सर्वांगीन बदलाव ला सकते है।
कार्यक्रम में आस्था दलित महिला संघ की अफसाना प्रवीण, ज्योति सोरेन, माला देवी, जयंती देवी, छबीला देवी, जामनी देवी, मीना देवी, बसंती देवी, आशा देवी, मालती देवी, गीता देवी, प्रोफेसर गीता राज, जनार्दन पासवान, सुखदेव दास, सुशील दास, योगेश्वर दास, बबलू दास, नारायण दास, विक्की रजवार, किशन दास, मुन्ना दास, खुर्शीद अनवर हादी, जमीला खातून, सुशीला देवी, रीना देवी, देवचरण दास, बद्री दास, विजय विद्रोही, भारत मांझी, मोहन दास, किरण देवी, सविता देवी, रानी देवी, सोनी देवी, रीता देवी, कौशल्या देवी, एडवोकेट एकलव्य उजाला, उज्जवल कुमार सहित काफी संख्या में महिलएं व पुरूष शामिल हुए।
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