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अपने मासूम बच्चे की सकुशल बरामदगी के लिए गुहार लगा रहा लाचार बाप, एसपी से की फरियाद

पत्नी और बच्चा गायब, आरोपी युवक देसी कट्टे के साथ फोटो और मासूम बच्चे की क्रूरता से पिटाई का वीडियो भेज दे रहा जान से मारने की धमकी, प्रेम प्रसंग का मामला बता पुलिस झाड़ रही है पल्ला

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आलोक रंजन/ निशांत बरनवाल

 

गांवा/गिरिडीह : गिरिडीह के गांवा थाना क्षेत्र के खरसान गाँव के निवासी मो जाकिर इन दिनों अपने मासूम बच्चे और पत्नी की सकुशल बरामदगी की गुहार लगाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. ज़ब स्थानीय पुलिस ने इनकी बात नहीं सुनी और मामले को बड़ी ही असंवेदनशीलता के साथ रफा – दफा करने का प्रयास किया तो इन्होने अब गिरिडीह एसपी दीपक कुमार शर्मा के दरबार में दरयाफ़्त की है. इस पूरे प्रकरण में तिसरी पुलिस पर गंभीर आरोप भी लग रहे हैं.

क्या है मामला

गांवा थाना क्षेत्र के खरसान निवासी मो जाकिर पेशे से कुक हैं और केरल में एक होटल में कुक के रूप में काम करते हैं। एसपी को दिए अपने आवेदन में उन्होंने लिखा है कि त्यौहार के दरम्यान वे अपने घर आये हुए थे. वापस काम पर लौटे उन्हें तकरीबन 10 दिन ही हुए थे कि उनकी पत्नी फातमा खातून, पिता मो० हासीम, दिनांक 10 अगस्त को तिसरी थाना क्षेत्र स्थित चंदौरी, अपने मायके चली गई। 11 अगस्त की सुबह उनके व्हाट्सएप्प पर मोबाईल नं0 7856971396 से उनकी पत्नी का अश्लील फोटो और एक दिल दहलाने वाला वीडियो आया जिसमें एक युवक, जिसे वो नहीं पहचानते, उनके ढाई साल के मासूम बेटे को काफी क्रूर तरीके से पीट रहा है और उसका गला दबा रहा है. इसके साथ ही उपरोक्त मोबाईल से फोन भी आया. फोन करने वाले ने कहा  कि तुम्हारी पत्नी और बच्चा मेरे कब्जे में हैं. पांच लाख रुपया दो तभी तुम्हारे पत्नी व बच्चे को छोड़ेंगे, नहीं तो दोनों को जान मार देंगे। इसके बाद फिर तुरन्त उसी मोबाइल नम्बर से व्हाट्सएप्प पर विडियो में दिख रहे युवक ने अपना फोटो भी भेजा जिसमे उसके हाथ में देसी कट्टा और कुछ गोलियां थीं. उस युवक ने परिवार के अन्य सदस्यों को भी गोली मारने की धमकी दी. अपने बेटे का विडियो, युवक की फोटो और धमकी भरे फोन से डर से उनकी हालत ख़राब हो गई और उन्होंने अविलम्ब अपने घर पर इसकी सूचना दी. खबर मिलते ही उनकी मां शाहजहाँ खातून ने इस घटना की लिखित सूचना दिनांक 12/08/2024 को तिसरी थाना को दी. जिसकी कॉपी भी उनके पास मौजूद है।

जाकिर की मां शाहजहाँ खातून के पुलिस पर गंभीर आरोप

शाहजहाँ खातून द्वारा 12 अगस्त कों तिसरी थाना में दिए गए आवेदन की प्रति
शाहजहाँ खातून द्वारा 12 अगस्त को तिसरी थाना में दिए गए आवेदन की प्रति

 

डर के साए में जी रहे जाकिर की मां शाहजहाँ खातून ने तिसरी के तत्कालीन थाना प्रभारी संजय नायक पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. एसपी को दिए आवेदन के साथ-साथ नव बिहान से बात करते हुए शाहजहां खातून फूट-फूट कर रो पड़ीं. उन्होंने बताया कि अपने छोटे बेटे के साथ न्याय की आस में वे आवेदन लेकर तिसरी थाना पहुँचीं, क्योंकि उनकी पतोहू तिसरी के चंदौरी में ही थी. पर यहाँ उनकी बात सुनने के बजाय तिसरी के तत्कालीन थाना प्रभारी ने उनके छोटे बेटे के साथ बदसलूकी की और उल्टा उसे ही हाजत में बंद कर दिया. काफी आरजू-मिन्नत के बाद थाना प्रभारी ने उनसे 15,000/- रुपये मांगे और कहा कि रुपये मिलने पर ही वे आगे की कार्रवाई करेंगे. क़र्ज़ लेकर उन्होंने तत्कालीन थाना प्रभारी को 15,000/- रुपये दिए भी. रुपये लेने के बाद थाना प्रभारी ने उनका फोन नम्बर लिया और कहा कि आरोपी युवक को जब पकड़ कर लायेंगे, तब उन्हें सूचना दे दी जाएगी. पर तिसरी थाना से उन्हें आज तक कोई सूचना नहीं मिली. इसी बीच उनका बेटा केरल से भागा-भागा घर आया और थाना गया तो उसे बताया गया कि उसकी पत्नी, उसके बच्चे और आरोपी युवक को भी थाना लाया गया था, पर मामला प्रेम प्रसंग का था, इसलिए उसे छोड़ दिया गया. शाहजहां खातून और मो जाकिर का आरोप है कि आरोपी युवक, जो एक बड़ा अपराधी प्रतीत होता है, उसे पुलिस ने रुपये लेकर छोड़ दिया है. मो जाकिर ने कहा कि आज उन्हें ये पता नहीं कि अभी उनकी पत्नी व बच्चा कहां है. उन्हें रात-दिन इस बात का डर सता रहा है कि आरोपी कभी भी उनके बच्चे और पत्नी की हत्या कर सकता है। इसी कारण अब उन्होंने पुलिस अधीक्षक से उक्त आरोपी को गिरफ्तार कर उनके पत्नी एवं बच्चे को बरामद करने की मांग की है।

क्या कहती है तिसरी पुलिस

इस मामले में आरोपों के घेरे में आए तिसरी के तत्कालीन थाना प्रभारी संजय नायक तो फिलहाल लाइन हाज़िर हैं, पर वर्तमान थाना प्रभारी रंजय कुमार से जब नव बिहान ने बात की तो उन्होंने जो बताया, वह भी पुलिस के कार्य करने के तौर-तरीकों पर कई सवाल खड़े करता है. उन्होंने बताया कि जांच के क्रम में ये बात सामने आई थी कि यह मामला प्रेम प्रसंग का है. पूछ-ताछ के दरम्यान आवेदक की पत्नी ने आरोपी युवक के साथ ही रहने की बात कही थी, इसलिए इस मामले को डालसा के तहत प्रस्तुत किया गया था, जहां से आरोपी को छोड़ा गया है। वहीं आवेदक की पत्नी एवं बच्चे को उसकी मां के हवाले कर दिया गया था। अब जो भी बातें सामने आ रही हैं, वे सभी पूर्व की ही हैं. ऐसे में इन सभी बातों को आवेदक को कोर्ट के समक्ष रखना चाहिए था। अगर वर्तमान में पुलिस अधीक्षक के पास आवेदन दिया गया है, तो उनके द्वारा एक बार पुनः इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। आरोपी से पैसे लेने के आरोप पर उन्होंने कहा कि अव्वल तो जब ये बात हुयी, तब वे तिसरी थाना के प्रभारी नहीं थे, फिर भी वे घूस लेने के आरोपों से सरासर इनकार करते हैं.

गंभीर सवालों के घेरे में है तिसरी पुलिस

इस मामले में तिसरी पुलिस बेहद गंभीर सवालों के घेरे में है. आवेदक और उसकी मां का कहना है कि तिसरी थाना को 12 अगस्त 2024 को उन्होंने जब आवेदन दिया था तो आवेदन के साथ ही सभी सबूत, मसलन आरोपी की देसी कट्टे और गोली के साथ की तस्वीर और वह विडियो भी दिया था, जिसमे आरोपी बच्चे के साथ काफी निर्ममता से मार-पीट कर रहा है, उसका गला दबा रहा है. नव बिहान के पास भी वह विडियो है, जिसे देख कर आपकी भी रूह काँप जायेगी. अब तिसरी पुलिस के प्रेम प्रसंग वाली थ्योरी को मान भी लिया जाए तो अब भी कई सवाल अनुत्तरित हैं –

  • आवेदकों की मानें तो जब पुलिस के पास बच्चे के साथ इतनी क्रूरता से मार-पीट करने और मासूम बच्चे का गला दबाने का आरोपी का विडियो था, तो फिर इस जघन्य अपराध के लिए पुलिस ने उसके खिलाफ बच्चों के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, हत्या के प्रयास सहित अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज क्यों  नहीं किया ? पकडे जाने के बाद भी उसे छोड़ क्यों दिया ? उस विडियो को शूट करने वाले की पहचान क्यों नहीं की, क्योंकि वो भी इस मामले में गुनाहगार है ? उसके खिलाफ भी मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया ?
  • आवेदकों की मानें तो पुलिस के पास जब आरोपी की कट्टे और गोली के साथ वाली तस्वीर थी तो इस गंभीर मामले में भी आरोपी के विरुद्ध आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज क्यों नहों किया गया, उसे गिरफ्तार करने के बजाय छोड़ कैसे दिया गया ?
  • आरोपी के खिलाफ अपहरण, जान मारने की धमकी और फिरौती की मांग करने जैसे आरोपों में मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया ?
  • जन-वितरण प्रणाली का एक बोरा चावल ले जा रहे एक गरीब युवक पर अविलम्ब कार्रवाई कर उसे जेल भेजने वाली पुलिस को इस मामले में क्या एक बूढी महिला और एक बाप की करुण पुकार, एक मासूम का रुदन, उसकी जान बचाने की गुहार नही सुनाई पड़ी ? आखिर क्या हड़बड़ी थी कि आवेदकों की बातों, इतने गंभीर सबूतों और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की तहकीकात करने के बजाय इस मामले को प्रेम-प्रसंग बता कर पुलिस ने अपना पल्ला झाड लिया ?
  • तिसरी पुलिस की थ्योरी को मानते हुए ये मान भी लें कि मामला प्रेम-प्रसंग का ही है, फिर भी एक ढाई साल के मासूम बच्चे के साथ इतनी क्रूरता से मार-पीट करने वाले, उसका गला दबाने वाले, इस पूरे प्रकरण का विडियो बनाने वाले, अवैध हथियार रखने वाले, जान मारने की धमकी देने वाले अपराधी को क्या यूँ ही छोड़ देना चाहिए ?

बहरहाल, सवाल तो अभी कई और हैं, पर अब मामला गिरिडीह के पुलिस कप्तान दीपक कुमार शर्मा के पास है. दीपक कुमार शर्मा की छवि एक तेज़-तर्रार, अपराध और अपराधी के प्रति कठोर और साथ ही एक संवेदनशील पुलिस अधिकारी की है. अब देखना है कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है.

 

  • बहुत जल्दी ही इस पूरे प्रकरण की एक वीडियो रिपोर्ट लेकर भी हम आयेंगे, आप बने रहें हमारे साथ 

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