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सक्रिय राजनीति में आज से कल्पना, क्या गिरिडीह से लड़ेंगी चुनाव

गिरिडीह में झामुमो का स्थापना दिवस आज, राजनीति के मैदान में कल्पना सोरेन के पारी की होगी शुरुआत

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आलोक रंजन

गिरिडीह। 4 मार्च का दिन गिरिडीह की राजनीति के साथ-साथ प्रदेश की राजनीति और ख़ास तौर पर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के लिए भी कई मायनों में काफी अहम् होने वाला है. गिरिडीह में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का स्थापना दिवस समारोह है. इस मौके पर झंडा मैदान में भव्य कार्यक्रम हो रहा है. कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन भी शामिल हो रहे हैं और वे करोड़ों की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे.

ये सब तो है, पर इन सब से ज्यादा जो खास है, वो हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का इस मंच से सक्रिय राजनीति में आगाज है. 3 मार्च को ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म  X पर अपने पोस्ट से उन्होंने इस बात का ऐलान कर दिया है. कल्पना सोरेन के इस कदम के कई निहितार्थ हैं.

झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कथित ज़मीन घोटाला मामले में जेल में बंद रहने के बाद झारखण्ड की राजनीति में काफी तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है. हालाँकि बदलाव की शुरुआत तो हेमंत के गिरफ्तार होने की आशंका के साथ ही हो गई थी, ज़ब नाटकीय तरीके से गांडेय विधायक सरफ़राज अहमद ने विधायकी से इस्तीफ़ा दे दिया था. तब अटकलें लगाई जा रही थीं कि कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा और और वे गांडेय से चुनाव लड़ेंगी. हालाँकि पार्टी के, और खास तौर पर सोरेन परिवार के आंतरिक कलह की वजह से कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सका. पर अब उनके सक्रिय राजनीति में आने की घोषणा से ये कहा जा सकता है कि वे गांडेय विधान सभा क्षेत्र से निश्चित तौर पर चुनाव लड़ेंगी और इसीलिए गिरिडीह की धरती से ही राजनैतिक पारी की शुरुआत कर रही हैं.

हेमंत सोरेन के जेल में रहने से झामुमो की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. पार्टी का असंतुष्ट धड़ा मुखर होने लगा है. सोरेन परिवार का अंदरूनी कलह भी सीता सोरेन के बयानों और तल्ख़ तेवरों से जगजाहिर है. लोकसभा चुनाव से पहले झामुमो के एकमात्र सांसद के भाजपा में जाने की चर्चा भी जोरों पर है. भाजपा की राजनीति के लिए ये समय सबसे मुफीद है, असंतुष्टों को हवा दो और पार्टी को तोड़ दो. कोई आश्चर्य नहीं कि आने वाले समय में झारखण्ड की राजनीति में हमें कई उथल-पुथल देखने को मिलें.

3 मार्च को X  हैंडल पर अपने भावुक पोस्ट के अंत में कल्पना सोरेन ने लिखा है, आपने जिस तरह मेरे पति का साथ और आशीर्वाद दिया है, आशा है वही प्यार और आशीर्वाद मुझे भी देंगे. इस भावुक पोस्ट को पढ़ने से ऐसा प्रतीत होता है कि झामुमो के अंदर सब कुछ ठीक नहीं. हेमंत सोरेन निश्चित तौर पर पार्टी के सबसे बड़े और सर्वमान्य नेता हैं, पर आज ज़ब वे जेल में हैं, तो ऐसे में कल्पना सोरेन का सक्रिय राजनीति में आना झारखण्ड में झामुमो का किला बचाने की कवायद भी है.

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