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गुरु पूर्णिमा के मौके पर गायत्री शक्तिपीठ में हुआ अनुष्ठान

जीवन में गुरु अर्थात मार्गदर्शक का होना आवश्यक: कामेश्वर सिंह

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गिरिडीह। गायत्री शक्तिपीठ सहित जिलें के सभी चेतना केंद्रों एवं प्रज्ञापीठों पर समारोह पूर्वक गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया। इस अवसर पर स्थानीय गायत्री शक्तिपीठ में सर्वप्रथम शांतिकुंज प्रतिनिधि संदीप कुमार के द्वारा गुरु बिन ज्ञान नहीं रे नहीं रे गुरु वंदना के द्वारा कार्यक्रम की शुरूआत की गई। मौके पर गुरु पूजन के साथ ही पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ के निमित्त देव पूजन किया गया।

जिले में लगभग डेढ़ हजार लोगों ने अपने हाथों से यज्ञ भगवान को गायत्री महामंत्र एवं महामृत्युंजय मंत्र से आहुतियां प्रदान कर मनुष्य मात्र के उज्जवल भविष्य एवं कल्याण की प्रार्थना की। वहीं 45 लोगों ने वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित राम शर्मा आचार्य जी को गुरु रूप में वरण कर उनके बताएं मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

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मौके पर गायत्री शक्तिपीठ गिरिडीह के प्रबंधक कामेश्वर सिंह ने कहा कि गुरु पूर्णिमा गुरु के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर होता है, बिना गुरु के ज्ञान नहीं प्राप्त हो सकता है। इसलिए जीवन में गुरु अर्थात मार्गदर्शक का होना आवश्यक है। कहा कि सद्गुरु ही हमें अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाता है और जीवन को नई दिशा प्रदान करता है।

कार्यक्रम को सफल बनाने में तुलसी पंडित, विनोद कुमार बरनवाल, भागीरथ प्रसाद सिंह, हरेंद्र प्रसाद चौधरी, संदीप कुमार, जय प्रकाश राम, उर्मिला बरनवाल, पार्वती बरनवाल, हरिशंकर चंद्राकर, प्रियंवदा चौधरी, वीना गुप्ता, सुमन गुप्ता, उमा गुप्ता, मधु चौरसिया, सहदेव प्रसाद कुशवाहा, दयानंद प्रसाद, अभय, अक्षय, पुष्कर, अजय सहित महिला मंडल एवं प्रज्ञा मंडल के लोगों का सराहनीय योगदान रहा।

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