गिरिडीह में इंटर पढ़ाई बंद होने पर छात्राओं का हंगामा, आरके महिला कॉलेज की छात्राओं ने निकाला आक्रोश मार्च
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के नारे के साथ सड़कों पर उतरीं छात्राएं, सरकार से फैसला वापस लेने की मांग


गिरिडीह : झारखंड सरकार के डिग्री कॉलेजों में इंटर (12वीं) की पढ़ाई बंद करने के फैसले ने गिरिडीह में छात्राओं का गुस्सा भड़का दिया है। शनिवार को आरके महिला कॉलेज की सैकड़ों छात्राओं ने झंडा मैदान में जोरदार प्रदर्शन किया। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘हमारी पढ़ाई, हमारा हक’ जैसे नारों के साथ पोस्टर लिए छात्राओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की।
छात्राओं की पीड़ा

प्रदर्शनकारी छात्राओं का कहना है कि उन्होंने आरके महिला कॉलेज में इंटर की पढ़ाई शुरू की थी, लेकिन अब 12वीं के लिए उन्हें दूसरे स्कूलों में नामांकन लेने को कहा जा रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की इन छात्राओं के लिए नए स्कूल में दाखिला, ड्रेस और अन्य खर्च उठाना मुश्किल है। एक छात्रा रानी कुमारी ने कहा, “हमने दो साल तक यहीं पढ़ाई की, अब अचानक हमें बाहर क्यों भेजा जा रहा है? हम अपने कॉलेज में ही पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं।”
प्रशासन पर आरोप
छात्राओं ने +2 हाई स्कूल गिरिडीह के प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि प्रिंसिपल ने उन्हें “2-3 हफ्ते आंदोलन करने” की सलाह दी और फिर नामांकन का भरोसा दिया। हालांकि, उपायुक्त ने पहले ही जल्द नामांकन का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
प्राचार्य का पक्ष
+2 हाई स्कूल के प्राचार्य दयानंद कुमार ने छात्राओं के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “सभी छात्राओं का नामांकन सुनिश्चित किया जाएगा। प्रक्रिया में समय लग रहा है, लेकिन कोई भी छात्रा पढ़ाई से वंचित नहीं होगी।” उन्होंने छात्राओं से धैर्य रखने की अपील की।
‘बेटी पढ़ाओ’ पर सवाल
सरकार के इस फैसले ने ‘बेटी पढ़ाओ’ जैसे नारों की सच्चाई पर सवाल उठा दिए हैं। छात्राओं का कहना है कि अगर उनकी पढ़ाई बाधित होती है, तो यह सरकार की नीतियों की नाकामी होगी। प्रदर्शनकारी छात्रा पूजा कुमारी ने चेतावनी दी, “हम अपनी पढ़ाई के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे। जब तक समाधान नहीं मिलता, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”
क्या है मांग?
छात्राएं मांग कर रही हैं कि सरकार डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद करने का फैसला वापस ले और उनकी पढ़ाई को निर्बाध रूप से जारी रखने की व्यवस्था करे।
आगे क्या?
गिरिडीह की सड़कों पर छात्राओं का यह आंदोलन सरकार के लिए एक बड़ा सवाल बन गया है। अगर समय रहते समाधान नहीं निकाला गया, तो यह मामला और तूल पकड़ सकता है। छात्राओं की एकजुटता और उनके हक की यह लड़ाई न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे राज्य में शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

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