Nav Bihan
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खण्डोली डैम बचाओ अभियान के लोग आर पार की लड़ाई को तैयार, आठ को खंडोली डैम में लेंगे पूर्ण समाधी

प्रेसवार्ता कर जेएलकेएम नेता व स्थानीय मुखिया ने कहा, प्रशासनिक कार्रवाई नही होने के कारण ग्रामीण मायुस

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गिरिडीह। खण्डोली डैम के अधिग्रहण भूमि का भूमाफियाओं द्वारा अवैध रूप से हो रहे खरीद बिक्री के साथ ही अंडा व मशरूम फैक्ट्री के द्वारा फैलाए जा रहे गंदगी व जल प्रदूषण के खिलाफ जेएलकेएम नेताओं के साथ ही स्थानीय ग्रामीण आर पार की लड़ाई लड़ने का तैयार हो गए है। खण्डोली डैम बचाओ अभियान के बैनर तले आठ सितंबर को जेएलकेएम के केन्द्रीय संगठन सचिव नागेन्द्र चन्द्रवंशी, मधवाडीह के मुखिया सिद्दीक अंसारी, अर्जुन पंडीत, मो0 आजाद अंसारी सहित अन्य ग्रामीण पूर्ण जल समाधि लेंगे।

गुरूवार को खण्डोली डैम के समीप जेएलकेएम के केन्द्रीय संगठन सचिव नागेन्द्र चन्द्रवंशी व मधवाडीह के मुखिया सिद्दीक अंसारी ने संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता कर कहा कि मामले को लेकर कई बार अंचलाधिकारी व उपायुक्त से वार्ता कर तथा आवेदन देकर निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की गई, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके कारण उन्होने चरणबद्ध आंदोलन का रूख अख्तियार किया। इस क्रम में उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, भूअर्जन पदाधिकारी, जिला पर्यावरण पदाधिकारी, झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दामोदर घाटी निगम के अलावे बेंगाबाद अंचलाधिकारी को आवेदन देकर मामले की जांच करने के साथ ही कार्रवाई की मांग की गई थी। बावजूद इसके अब तक मामले में कोई सार्थक पहल नही की गई है। जिससे मायुस होकर उनलोगों ने पूर्ण जल समाधि का निर्णय लिया है। जल समाधि की सूचना संबंधित पदाधिकारियों को लिखित रूप से दे दी गई है। अतः जल समाधि की पूरी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी।

कहा कि खंडोली डैम की अधिकृत जमीन पर भुमाफियाओं द्वारा न सिर्फ अवैध रूप से कब्जा कर बेचने का कार्य किया जा रहा है, बल्कि अंडा व मशरूम फैक्ट्री भी संचालित की जा रही है। इन फैक्ट्रीयों से निकलने वाला गंदा पानी सीधे खंडोली डैम में गिर कर जलाशय को प्रदुषित करने के साथ ही आस-पास के वातावरण को भी दुषित कर रहा है। कहा कि अंचल के अधिकारियों की मिली भगत से खंडोली डैम के लिए अधिग्रहित जमीन की अवैध रूप से खरिद-बिक्री की गई है, जिससे सरकारी सम्पत्ति की खुली लुट दिखाई पड़ रही है। उन्होने कहा कि जमीन अधिग्रहण के मामले में संबंधित विभाग का कहना है कि फैक्ट्री की कोई जमीन अधिग्रहित नहीं है। कहा कि अगर फैक्ट्री क्षेत्र में अधिग्रहण की भूमि नहीं है, जबकि जिन ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहित की गई थी, उनके पास जमीन अधिग्रहण के पुख्ता सबूत हैं। अगर उनकी जमीन अधिग्रहित नहीं की गई है, तो उन रैयतों को उनकी जमीन वापस दिलाई जाए।

मौके पर अर्जुन पंडित, अशोक यादव, अजय कुमार दास, मिहिर चंद्रवंशी, दिलीप कुमार, वतन शाहा, मो. सद्दीक अंसारी, मो. मोइनुद्दीन अंसारी, लुकमान अंसारी, आजाद अंसारी, शुशील हंसदा, राजेश रवानी उपस्थित थे।

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