एनजीटी की रोक के बावजूद बालू माफियाओं के हौसले बुलंद, पुलिस ने बालू लदे दो ट्रैक्टर को किया जब्त
अंचलाधिकारी को अवेदन देकर की जा रही थी बालू की आपूर्ति
गिरिडीह : गिरिडीह जिले के तिसरी में इन दिनों बालू माफियाओं के हौसले पूरी तरह से बुलंद नजर आ रहे हैं। 15 जून को एनजीटी लागू हो जाने के बावजूद बालू माफिया धड़ल्ले से नदी से बालू उठाव कर सरकारी कार्यों में बालू आपूर्ति करने का कार्य कर रहे हैं। और हैरत की बात तो यह है कि इसके लिए अंचलाधिकारी से लिखित आवेदन देकर आदेश की भी मांग की जा रही है।
क्या है मामला
बता दें कि बुधवार की सुबह बालू लदा दो ट्रैक्टर भंडारी से तिसरी मॉडल विद्यालय में बन रहे छात्रावास के निर्माण के लिए ले जाया जा रहा था। इसी बीच पेट्रोलिंग के दौरान तिसरी पुलिस ने पंदनाटांड़ के समीप इन दोनों ट्रैक्टर को रोक लिया। ट्रैक्टर चालकों से बालू से संबंधित कागजातों की मांग किए जाने के बाद उन्हें संबंधित कागजातों के जगह अंचलाधिकारी को बालू ले जाने का आवेदन वाला कागजात दिखाया गया। जिसके बाद तिसरी पुलिस बालू लदे दोनों ट्रैक्टर को अपने साथ थाने ले आई।
क्या लिखा है अंचलाधिकारी को दिए आवेदन में
बताते चलें कि ड्राइवर द्वारा जिस कागजात को दिखाया जा रहा है, उस कागज में अंचलाधिकारी के नाम एक आवेदन लिखा गया है। इस आवेदन के तहत मॉडल स्कूल तिसरी में छात्रावास बनाने के लिए बालू की जरूरत की बात कही गई है। साथ ही कहा गया है कि किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए गाडी मालिक मिथुन दास, गाड़ी न० JH15T 5866 एवं महेश प्रसाद यादव, गाड़ी न० JH11AK 1296 को ट्रैक्टर से बालू लाने कि अनुमति देने कि कृपा प्रदान करे। वहीं इस आवेदन की प्रतिलिपि बीडीओ को भी दी गई है।
आवेदन मिलने के बाद भी चुप क्यों हैं अंचलाधिकारी
बालू लदे दोनों ट्रैक्टर तिसरी पुलिस द्वारा पकड़े जाने से जहां एक और बालू माफियाओं के बीच हड़कंप मच गया है तो वहीं दूसरी ओर आवेदन मिलने के बाद भी अंचलाधिकारी द्वारा इसके रोकथाम के लिए कोई कड़े कदम नहीं उठाने से लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर सूत्रों की बात करें तो उनसे मिली जानकारी के अनुसार मॉडल विद्यालय में छात्रावास के निर्माणाधीन भवन के लिए लगातार कई दिनों से बालू का अवैध भंडारण किया जा रहा है। और अब अंचलाधिकारी के नाम का आवेदन सामने आने से अंचलाधिकारी भी सवालों के घेरे आ खड़े हो गए हैं। क्योंकि आवेदन मिलने के बाद जहां उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए थी, वहां उन्होंने चुप्पी साध ली। अब इसे उनकी मौन सहमती मान कर बालू माफिया मनमानी कर रहे हैं।
इधर इस संबंध में जब तिसरी अंचलाधिकारी से फोन के माध्यम से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन का कोई जवाब नहीं दिया। वहीं इस संबंध में खोरीमहुआ एसडीओ से भी जानकारी लेने का जब प्रयास किया गया तो उन्होंने भी फोन का कोई जवाब नहीं दिया।
पूरे जिले में चल रहा कारोबार, नव बिहान जल्दी ही इस अवैध धंधे से उठाएगा पर्दा
ये मामला सिर्फ तिसरी का ही नहीं, बल्कि पूरे जिले का है। एनजीटी के आदेश की खुलेआम धज्जियाँ उडाई जा रही हैं। सभी नदियों से बालू का अवैध उठाव हो रहा है और सरकारी काम में भी खुलेआम इसका इस्तेमाल हो रहा है। नव बिहान बहुत जल्दी ही इस काले कारोबार से पर्दा उठाएगा।
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