Nav Bihan
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अनिल अंबानी के कमबैक पर SBI का ब्रेक: RCom का लोन खाता फ्रॉड घोषित

SBI ने RCom के लोन खाते को फ्रॉड घोषित किया, अनिल अंबानी के खिलाफ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) में शिकायत दर्ज की

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नव बिहान डेस्क : अनिल अंबानी के बिजनेस कमबैक की चर्चा अभी जोर पकड़ ही रही थी कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) को बड़ा झटका दे दिया। SBI ने RCom के लोन खाते को फ्रॉड घोषित कर दिया और कंपनी के पूर्व डायरेक्टर अनिल अंबानी के खिलाफ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) में शिकायत दर्ज की है। यह कदम अनिल अंबानी के लिए न सिर्फ वित्तीय, बल्कि कानूनी और नियामकीय चुनौतियां भी खड़ी कर सकता है।

SBI की फ्रॉड आइडेंटिफिकेशन कमेटी (FIC) ने RCom के लोन खाते की गहन जांच के बाद कई गंभीर अनियमितताएं पाईं। FIC की 13 जून 2025 की रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी ने लोन की शर्तों का उल्लंघन किया और फंड डाइवर्जन के मामले सामने आए। रिपोर्ट के मुताबिक, RCom ने बैंक से मिले फंड को अपनी सहायक कंपनियों के खातों में ट्रांसफर किया, जहां से यह रकम म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट्स और रोजमर्रा के ट्रांजैक्शंस में इस्तेमाल की गई। इन ट्रांजैक्शंस में पारदर्शिता की कमी पाई गई।

SBI ने RCom के लोन खाते को फ्रॉड घोषित कर दिया
SBI ने RCom के लोन खाते को फ्रॉड घोषित कर दिया

 

SBI ने अपने नोटिस में कहा, “RCom के खाते को फ्रॉड कैटेगरी में डालने का फैसला किया गया है। इस मामले को RBI के पास आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा गया है।” फॉरेंसिक ऑडिट में सामने आया कि मार्च 2025 तक RCom पर 48,216 करोड़ रुपये का कर्ज था। कंपनी को मई 2018 में नॉन-परफॉर्मिंग असेट (NPA) घोषित किया गया था और इसे इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया में भेजा गया था।

अब इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपे जाने की संभावना है। अनिल अंबानी को सिविल और क्रिमिनल दोनों तरह की कानूनी कार्रवाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

अनिल अंबानी का पक्ष

अनिल अंबानी की वकील तारिणी खुराना ने SBI के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा, “SBI का यह कदम सुप्रीम कोर्ट, बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसलों और RBI के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है।” खुराना ने दावा किया कि अनिल अंबानी को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका नहीं दिया गया और SBI ने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि उनकी रिपोर्ट किस आधार पर तैयार की गई। उन्होंने यह भी बताया कि अनिल अंबानी RCom के नॉन-एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर थे और कंपनी के रोजमर्रा के कामकाज से उनका कोई लेना-देना नहीं था। SBI ने अन्य नॉन-एग्जिक्यूटिव और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स के खिलाफ नोटिस वापस ले लिया, फिर भी अंबानी का नाम शामिल करना गलत है।

पृष्ठभूमि

हाल ही में अनिल अंबानी की कंपनियों, रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रा, के शेयरों में तेजी और बड़ी बिजनेस डील्स की खबरों ने उनके कमबैक की सुगबुगाहट शुरू की थी। कर्ज में कमी और नए प्रोजेक्ट्स की चर्चा से निवेशकों में उत्साह था। लेकिन SBI के इस कदम ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

SBI की कार्रवाई के बाद अनिल अंबानी के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं। अगर मामला CBI को सौंपा जाता है, तो जांच का दायरा और गहरा सकता है। इसके अलावा, इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया से गुजर रही RCom पर भले ही सीधे कोई कार्रवाई न हो, लेकिन प्रमोटर के तौर पर अंबानी को देनदारी और आपराधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। यह मामला न सिर्फ अनिल अंबानी की बिजनेस रणनीति, बल्कि उनकी प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठा रहा है।

अनिल अंबानी के लिए कठिन दौर

अनिल अंबानी के लिए यह एक कठिन दौर है। एक तरफ जहां उनके बिजनेस की वापसी की उम्मीदें थीं, वहीं SBI की इस कार्रवाई ने उनके सामने नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। अब सबकी नजर इस बात पर है कि RBI और संभावित CBI जांच इस मामले को किस दिशा में ले जाती है। क्या अनिल अंबानी इस संकट से उबर पाएंगे, या यह उनके बिजनेस करियर का सबसे बड़ा झटका साबित होगा?

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