अद्भुत होगा राजधनवार छठ घाट का नजारा, राजस्थान की सांस्कृतिक झलक, आकर्षक किला व लोकनृत्य होंगे लोगों के मुख्य आकर्षण का केन्द्र
मेले की सजावट को अंतिम रूप देने में जूटे है बंगाल व झारखंड के कारीगर

गिरिडीह। लोकआस्था का महापर्व छठ यूं तो पूरे उत्तर भारत का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यही वजह है कि दूर देश व महानगरों में काम करने वाले लोग भी इस त्योहार में वापस घर लौट आते है। इन सबके बीच गिरिडीह जिले का राजधनवार में लगने वाला प्रसिद्ध छठ घाट अपनी साज सज्जा को लेकर काफी लोकप्रिय है। यहां पर गिरिडीह ही नही बल्कि दूसरे जिले भी लोग घूमने के लिए आते है। लोगों के बीच प्रसिद्ध राजधनवार का राजा छठघाट इस बार एक नए रूप में सजने जा रहा है। पूरे घाट परिसर में भव्य सजावट का काम चल रहा है, और इस बार मेले में राजस्थान और साउथ की झलक देखने को मिलेगी। बंगाल और झारखंड के अलग अलग क्षेत्र से आए कुशल कारीगरों और उनकी टीम के द्वारा राज दरबार के सामने एक आकर्षक केंद्र तैयार करने में लगे हुए हैं।
कारीगरों की माने तो मेले में प्रवेश के साथ राज कचहरी परिसर में राजस्थान के चौकीधानी में पहाड़ के ऊपर किला और राजस्थानी ग्रामीण परिवेश के उत्कृष्ट नजारा दिखेगा। नदी पर पुल के रूप में तिरुपति बालाजी मंदिर सदृश्य के सुंदर थीम पर पंडाल का निर्माण हो रहा है। नदी के पूर्वी घाट पर मंगोलिया के एक मंदिर की तरह सूर्य मंदिर का पंडाल का नजारा भी लोगों को मंत्रमुग्ध करेगा। यहाँ बड़े आकार का किले के स्वरूप में गेट बनाया गया है, जिसके अंदर मरुभूमि का सुंदर चित्र झिलमिलाएगा। साथ ही, दक्षिण भारत के मंदिरों की तर्ज पर सजे पंडाल, ऊंचे पहाड़, और पहाड़ के ऊपर विराजमान राजस्थान का विशाल किला दर्शकों को अद्भुत अनुभव देगा।


साथ ही किले की राह में हाथियों की झांकी, राजस्थान के पारंपरिक सैनिक, कठपुतली कला, ऊंट गाड़ी और लोक नृत्य कृ सब कुछ इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के सहारे सजीव रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। राजस्थानी चित्रकला का प्रदर्शन भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा।जब लोग इस कला-संरचना से होकर गुजरेंगे, तो ऐसा लगेगा मानो वे राजस्थान की गलियों में विचरण कर रहे हों।

