ईरान ने इजरायल पर किया ताबड़तोड़ मिसाइल हमला, ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस’ से दहला तेल अवीव और यरुशलम


नव बिहान डेस्क : मध्य-पूर्व में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। शनिवार तड़के ईरान ने इजरायल पर बड़े पैमाने पर बैलिस्टिक मिसाइल हमला किया, जिससे तेल अवीव और यरुशलम सहित कई शहरों में विस्फोटों की तेज आवाजें गूंज उठीं। ईरान ने इस सैन्य कार्रवाई को “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस” नाम दिया है, जो उसने इजरायल द्वारा पहले किए गए हमले के जवाब में शुरू किया है।
150 से अधिक मिसाइलें, भारी नुकसान

ईरानी सैन्य सूत्रों के मुताबिक, इस जवाबी हमले के तहत इजरायल की ओर 150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं। इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने कई मिसाइलों को रास्ते में ही मार गिराया, लेकिन कुछ मिसाइलें इजरायल के भीतरी इलाकों में आकर गिरीं।
तेल अवीव में दो मिसाइलें सीधे जमीन पर गिरीं, जिससे कई लोग घायल हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है, जबकि कई अन्य की हालत गंभीर बताई जा रही है। यरुशलम में भी विस्फोटों के कारण लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
ईरान का बयान – “यह न्याय का पलटवार है”
ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह हमला एक “सुनियोजित और न्यायोचित जवाब” है। ईरानी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हम अपने देश की संप्रभुता और सम्मान से कोई समझौता नहीं करेंगे। इजरायल की आक्रामकता का यह उचित और आवश्यक प्रतिकार है।”
इजरायल की चेतावनी – ‘हम जवाब देंगे’
वहीं इजरायल ने इस हमले को युद्ध की कार्रवाई बताते हुए कहा है कि इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। इजरायली प्रधानमंत्री ने आपातकालीन सुरक्षा बैठक बुलाकर सैन्य विकल्पों पर चर्चा शुरू कर दी है।
इजरायल रक्षा बलों (IDF) ने बयान जारी कर कहा कि, “हम ईरान की इस कायराना हरकत को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारे नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसका उचित प्रतिशोध लिया जाएगा।”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इस ताजा घटनाक्रम पर चिंता जताई है और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भी स्थिति पर नजर रखते हुए राजनयिक प्रयासों की बात कही है।
क्या बढ़ेगा युद्ध का दायरा?
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि दोनों पक्ष पीछे नहीं हटते हैं, तो यह संघर्ष एक पूर्ण क्षेत्रीय युद्ध में तब्दील हो सकता है, जिसका असर पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र और वैश्विक बाजारों पर पड़ेगा। तेल की कीमतों में पहले ही उछाल दर्ज किया गया है।

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