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एक वर्ष पूर्व गिरिडीह की धरती ने ही निराशा के भंवर में फँसे झामुमो में फूंकी थी नई जान, झंडा मैदान के मंच से ही खूब दहाड़ी थीं कल्पना

गिरिडीह झामुमो स्थापना दिवस समारोह के लिए सज धज कर तैयार झंडा मैदान, अब बस कार्यक्रम शुरू होने का इंतज़ार

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आलोक रंजन

गिरिडीह : झारखण्ड मुक्ति मोर्चा, गिरिडीह स्थापना दिवस समारोह को लेकर यहाँ का झंडा मैदान सज-धज कर पूरी तरह तैयार हो गया है. इस बार सरकार गठन के बाद गिरिडीह में हो रहा ये समारोह कई मायनों में ख़ास है. दरअसल पिछले वर्ष इसी 4 मार्च को झामुमो स्थापना दिवस समारोह के मौके पर ही गांडेय विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत की थी. तब अपने भाषण के दौरान भावुक होने वाली कल्पना सोरेन ने महज एक साल में ही काफी शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं. तब की भावुक कल्पना आज एक मज़बूत और कुशल राजनेता बं चुकी हैं. इस दरम्यान उन्होंने ना सिर्फ दो-दो बार गांडेय विधामसभा सीट से फ़तेह हासिल की, बल्कि हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद बड़ी क़ामयाबी के साथ पार्टी की कमान सम्हाली. विगत चुनाव में उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता, सहज़ स्वाभाव और उत्कृष्ट भाषण शैली से पार्टी को अलग ही ऊँचाई और सफलता प्रदान की. इस वर्ष भी गिरिडीह के आयोजन में वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ मंच पर होंगी और गिरिडीह के लोगों को हेमंत सोरेन के साथ कल्पना सोरेन के भाषण का भी इंतज़ार होगा.

इस बार के समारोह को लेकर दूसरी खास बात ये है कि इस चुनाव में काफी मशक्कत से जीत हासिल करने वाले गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार ने सरकार में मंत्रिपद हासिल कर काफी ऊँची छलांग लगाई है. हालाँकि जानकार मानते हैं कि अपनी कूटनीतिक क्षमता और विभिन्न विषयों पर गहरी पैठ की वजह से सरकार पर उनकी पकड़ पहले से ही बेहतर रही है, पर अब मंत्री बनने के बाद उनकी ज़िम्मेदारियां भी बढ़ी हैं और लोगों की उनसे अपेक्षाएं भी. यही वज़ह है कि इस बार के आयोजन को प्रतीकात्मक तौर पर सरकार की और पार्टी की मज़बूती के तौर पर पेश करने की ख़ास तैयारी है.

इस तैयारी में कोई कोर-कसर नहीं छूट जाए, इसके लिए पार्टी के नेता और कार्यकर्ता तो दिन-रात जुटे हैं ही, विधायक व मंत्री सुदिव्य सोनू खुद लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. पूरे झंडा मैदान को तो दुल्हन की तरह सजाया गया ही है, पूरा शहर झारखण्डी हरे रंग की रौशनी से नहाया हुआ है. गिरिडीह के लोग भी झामुमो स्थापना दिवस समारोह को लेकर खासे उत्साहित हैं. बहुत सम्भव है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गिरिडीह के लिए कुछ ख़ास सौगात लेकर आएं, आखिर गिरिडीह की इसी धरती ने और इसी मंच ने एक वर्ष पूर्व कल्पना सोरेन को एक नई पहचान दी थी और निराशा के भंवर में फँसे झारखण्ड मुक्ति मोर्चा में नई जान फूंक दी थी.

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