सच्चे प्रेम का अनोखा उदाहरण: पत्नी की मृत्यु के 48 घंटे बाद पति ने भी छोड़ा संसार


सतगावां (कोडरमा): पति-पत्नी के रिश्ते को परिभाषित करने वाला शब्द ‘जीवनसाथी’ कोडरमा जिले के सतगावां में एक ऐसी घटना ने साकार कर दिखाया, जो सात जन्मों के बंधन की मिसाल बन गई। नंदूडीह गांव के 72 वर्षीय शारदा देवी और उनके 76 वर्षीय पति कृष्ण मोहन प्रसाद की प्रेम कहानी ने हर किसी का दिल छू लिया। शारदा देवी की मृत्यु के महज 48 घंटे बाद कृष्ण मोहन ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया, मानो वे एक-दूसरे के बिना जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते थे।परिवार और गांव वालों के अनुसार, शारदा और कृष्ण मोहन का रिश्ता अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक था। दोनों ने अपने जीवन के हर पल को एक-दूसरे के साथ खुशी और समर्पण से जिया। निःसंतान होने के बावजूद उनका प्यार इतना गहरा था कि शारदा के जाने के बाद कृष्ण मोहन का मन इस संसार में नहीं रमा। परिवार वालों ने बताया, “दोनों का एक-दूसरे के प्रति लगाव इतना गहरा था कि वे अलग रहने की सोच भी नहीं सकते थे।”इस हृदयस्पर्शी घटना ने पूरे गांव को भावुक कर दिया। दोनों जीवनसाथियों की अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। उनकी अर्थी को फूलों और रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाकर पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। स्थानीय लोग इस घटना को सच्चे प्रेम और साथ निभाने की मिसाल मान रहे हैं।यह कहानी न केवल सतगावां, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो सच्चे प्रेम और समर्पण में विश्वास रखता है। शारदा और कृष्ण मोहन का यह अनोखा बंधन हमेशा याद किया जाएगा।

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